अर्चिन (Urchin) जिन्हें हम हिन्दी में जलसाही भी कहते हैं, समुद्र के खूबसूरत जीव हैं जो दुनिया भर में कई जगहों पर पाए जाते हैं। समुद्री अर्चिन की 200 से अधिक प्रजातियां हैं और वैज्ञानिक आज भी इनकी नई-नई प्रजातियां खोज़ रहे हैं।
ये जीव समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और दुर्भाग्य से कुछ यूरिनिन प्रजातियों को हर दिन नए खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां अर्चिन के बारे में 10 रोचक तथ्य बताए गए हैं जो आप शायद नहीं जानते होंगे।
समुद्री अर्चिन के बारे में 10 रोचक तथ्य – About Sea Urchin in Hindi
1. अर्चिन की सभी प्रजातियों में से लाल समुद्री अर्चिन सबसे बड़ा होता है। सामान्य तौर पर समुद्री अर्चिन लगभग 1.18 इंच (3 सेमी) से 3.93 इंच (10 सेमी) तक बढ़ते हैं। लेकिन लाल अर्चिन व्यस्क होते-हेते 1.96 इंच (5 सेमी) व्यास तक बढ़ जाता है। यह तब तक बढ़ता रहता है जब तक यह लगभग 3.93 इंच (10 सेमी) तक नहीं पहुंच जाता, जबकि अधिकांश अन्य समुद्री अर्चिन 1.96 इंच (5 सेमी) के आसपास बढ़ना बंद कर देते हैं।
2. इन जीवों के शरीर में हड्डियाँ नहीं होती हैं। मनुष्यों के विपरीत यह अपने शरीर को सहारा देने के लिए हड्डी की संरचना पर निर्भर नहीं होते हैं। अर्चिन में एक खोल जैसी संरचना होती है जिसे “test” कहा जाता है। कैल्शियम कार्बोनेट से बना कठोर test स्टारफिश के समान होता है जो इनकी सुरक्षा करता है।
3. फ्लावर अर्चिन (Flower Urchin) दुनिया में सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। फ्लावर अर्चिन के यूरिनिन में घातक जहर होता है, जो मानव को मार सकता है। इसके जहर में दो जहरीले तत्व होते हैं; कॉन्ट्रैक्टिन ए, जो लाल रक्त कोशिकाओं को थक्का बना सकता है और मांसपेशियों में ऐंठन पैदा कर सकता है। दूसरा तत्व पेडिटॉक्सिन है जो एनाफिलेक्टिक शॉक, आक्षेप और मृत्यु का कारण बन सकता है।
4. कुछ मछलियां फ्लॉवर अर्चिन के विष के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकती हैं। क्लाउनफ़िश (Clownfish) अक्सर फ्लॉवर अर्चिन के चारों ओर चक्कर लगाती है और इस दौरान वो उनको हल्के से स्पर्श भी करती हैं। इस दौरान वो अर्चिन से थोड़ा सा विष भी ग्रहण करती हैं, लेकिन इनता नहीं कि वो उनकी जान ले ले। इस तरह से वो फ्लॉवर अर्चिन कि विष के विरुद्ध immune हो जाती हैं।
5. अर्चिन न केवल जानवरों के लिए बल्कि इंसानों के लिए भी एक स्वादिष्ट नाश्ता बनते हैं। इसके आम शिकारियों में से कुछ केकड़े, बड़ी मछली, ईल और यहां तक कि पक्षी भी हैं। अर्चिन को इंसानों का भी खतरा होता है। इनके अंडों को कई जगहों पर एक मिठास के रूप में देखा जाता है।
6. एक बार online ecommerce website ebay की वजह से एक समुद्री अर्चिन की एक प्रजाति की खोज की गई। 2006 में ब्रिटिश समुद्री जीवविज्ञानी डॉ. साइमन कोपर्ड को ईबे पर बिक्री के लिए एक अर्चिन मिला, जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था। वह ईबे पर अपलोड की गई तस्वीर से पुष्टि करने में सक्षम थे कि यह प्रजाति अज्ञात थी, जिससे यह समुद्री अर्चिन की एक नई खोज बन गई।
7. समुद्री अर्चिन के सिर्फ 5 दांत होते हैं। समुद्री अर्चिन सर्वाहारी होते हैं और इनके सिर्फ 5 दांत होते हैं, जो इसके शरीर के केंद्र में एक साथ जुड़े होते हैं। प्रत्येक दांत का अपना जबड़ा होता है जो इसे अपनी जगह पर रखता है; इसका मतलब यह भी है कि प्रत्येक दांत स्वतंत्र रूप से गति करने में सक्षम है।
8. अर्चिन के सैकड़ों छोटे पैर होते हैं। समुद्री अर्चिन में छोटे पैरों की 5 जोड़ी पंक्तियाँ होती हैं। ये छोटी पंक्तियाँ रीढ़ के बीच स्थित होती हैं।
9. समुद्री अर्चिन जंगलों में 200 साल तक जीवित रह सकते हैं। अब तक खोजे गए सबसे बूढ़े लाल समुंद्री अर्चिन की आयु 200 वर्ष थी। लेकिन कैद में इन जीवों की जीवन प्रत्याशा लगभग 30 वर्ष तक कम हो जाती है, जबकि जंगली में आमतौर पर 30 वर्ष से अधिक होती है।
10. ज्यादातर समुंद्री तैराक या तटों के पास जो लोग रहते हैं वो कई बार समुद्री अर्चिन द्वारा घायल हो जाते हैं। कई बार अनजाने में तट के पास, खासकर जहां मुंगे की चट्टानें है, वहां पर हमारे शरीर के किसी भाग के (अमूमन टांगे) इन जीवों के संपर्क में आ जाने के कारण पंचर जैसे जख्म हो जाते हैं। कई बार इनके काटें शरीर में रह जाते हैं, जिन्हें जल्द ही किसी जानकार की सहायता से निकाल देना चाहिए।