दूसरा विश्व युद्ध सन 1939 से 1945 तक चलने वाला एक विश्वव्यापी युद्ध था जिसमें दुनिया भर के 70 से ज्यादा देशों ने प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भाग लिया था। बहुत थोड़े ऐसे देश थे जो इस युद्ध से दूर रह पाए।
दूसरा विश्व युद्ध दुनिया भर के देशों के दो धड़ों के बीच हुआ था। एक धड़े को Allied Powers (मित्र राष्ट्र) कहा जाता है, जिसकी अगुवाई ब्रिटेन, अमेरिका, रूस और फ्रांस कर रहे थे और दूसरे धड़े को Axis Powers या धुरी शक्तियां कहा जाता है। धुरी शक्तियां जर्मनी, जापान और इटली को कहा जाता है।
दुनिया भर के ज्यादातर देश मित्र राष्ट्रों के साथ थे। इसका एक कारण यह भी था कि मित्र राष्ट्रों में शामिल ब्रिटेन और फ्रांस के भारत जैसे कई उपनिवेश थे जिन पर उनका शासन था। धुरी शक्तियों- जर्मनी, जापान और इटली के साथ नाम-मात्र के देश थे। यह तीनों देश युद्ध शुरू होने से पहले राजनैतिक गठबंधन में थे।
वैसे जापान 1937 से ही चीन पर हमला करने के बाद युद्ध की अवस्था में था। परंतु दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत 1 सितंबर 1939 को हुई मानी जाती है जब हिटलर ने अपनी जर्मन सेना को पोलैंड पर आक्रमण करने का आदेश दिया । ऐसा इसलिए है, क्योंकि हिटलर के पोलैंड पर हमला करने के बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी थी जिसके बाद यह युद्ध विश्वव्यापी बन गया था।
युद्ध की शुरुआत में सोवियत रूस ने जर्मनी से हाथ मिला लिया था लेकिन जब जर्मनी ने चकमा देते हुए रूस पर ही हमला कर दिया तो रूस भी जल्द ही मित्र राष्ट्रों के साथ आ गया।
अमेरिका भी युद्ध शुरू होने के 2 साल तक इससे दूर बना रहा। लेकिन जब जापानी सेना ने 7 दिसंबर 1941 को अमेरिका के हवाई द्वीप पर स्थित सैनिक अड्डे पर पर्ल हार्बर (Pearl Harbor) पर हमला कर दिया तो अमेरिका ने भी अपने सहयोगी देशों के साथ जापान के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी और मित्र राष्ट्रों के साथ धुरी शक्तियों के विरुद्ध मिल गया।
मित्र राष्ट्रों की तरफ से प्रमुख नेता थे – जोसेफ स्टालिन (सोवियत रूस), राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट (अमेरिका), प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल (ब्रिटेन) और च्यांग काई शेक (चीन)।
दूसरी तरफ धुरी देशों के नेता थे – एडॉल्फ हिटलर (जर्मनी), सम्राट हिरोहितो (जापान) और बेनिटो मुसोलिनी (इटली)।
नीचे चित्र को ध्यान से देखें-
गहरे हरे रंग में मित्र राष्ट्र हैं, जो शुरू से ही युद्ध में शामिल थे।
हल्के हरे रंग में अमेरिका और उसके सहयोगी देश शामिल है जो पर्ल हार्बर पर हमले के बाद युद्ध में शामिल हुए।
नीले रंग में धुरी शक्तियां दिखाई गई है।
युद्ध के अंत में मित्र राष्ट्रों की जीत हुई थी। धुरी शक्तियों में सबसे पहले इटली बाहर हुआ था। 7 मई 1945 को जर्मनी ने सरेंडर कर दिया। अंत में जापान पर दो परमाणु बम गिरने के बाद उसने भी 2 सितंबर 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया और दूसरे विश्व युद्ध का अंत हो गया।
Priya says
Kya ap ye btaa sakte hai ki second world war tak bhrama me indian soldiers kab kyu or kisliye rahe the
Sahil kumar says
प्रिया जी आप किन सैनिकों की बात कर रही हैं। आज़ाद हिंदी फौज के सिपाहियों का या फिर ब्रिटिश भारतीय सेना के जवानों की।
Viram singh says
Bahut अच्छी जानकारी ।
आप अपने ब्लॉग के लिए इतना रोचक कंटेंट कहा से लेते है क्या नेट पर ही रिसर्च करते है या किसी ओर जगह पर भी …. ओर क्या यह कॉपीराइट में नही आता..
Sahil kumar says
मेरा सब लेख मौलिक होते हैं।
viram singh says
ji..lekin jankari to kaii se leni padti hai na hm logo… ki yaha par yh sb hua .. yh sb hota hai.. jese kisi ghtna se jude facts, date vo sb kaha se le …
Sahil kumar says
यह सूचनाएं होती हैं, इनका कोई कॉपीराइट नहीं होता। लेख को किस तरह से पेश किया गया है, यह मायने रखता है।