हबल एक खगोलीय दूरबीन है जिसे 24 अप्रैल 1990 को पृथ्वी की सतह से 568 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में स्थापित किया गया था। तब से लेकर अब तक, यह दूरबीन ब्रह्मांड की अनेक आकाशगंगाओं, निहारिकाओं, तारों और अन्य चीजों की लगभग 7 लाख से ज्यादा तस्वीरें भेज चुकी है, जिसने हमें ब्रह्मांड को जानने में बहुत ज्यादा सहायता की है। नीचे दिए रोचक तथ्य आपको हबल दूरबीन के बारे में और जानकारी देंगे-
हबल सूक्ष्मदर्शी के बारे में 18 रोचक तथ्य – Hubble Telescope in Hindi
1. हबल दूरदर्शी को NASA ने युरोपियन स्पेस एजेंसी की सहायता से तैयार किया था। लेकिन इसे जिस अंतरिक्ष यान (Space Shuttle) डिस्कवरी द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था, वो पूरी तरह से NASA का तैयार किया हुआ था।
2. हबल दूरबीन का नामकरण आधुनिक खगोल विज्ञान के पितामह एडवीन हबल के नाम पर हुआ था जिन्होंने 1920 के दशक में हमारी अपनी आकाशगंगा के परे अनगिनत आकाशगंगाओं के अस्तित्व के बारे में बताया था। इसके सिवाए उन्होंने पृथ्वी पर कई बड़ी दूरबीनें भी बनाई थी जिनसे अंतरिक्ष में देखा जा सके।
3. हबल अंतरिक्ष दूरबीन को पहले वर्ष 1983 में लांच करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन तकनीकी कमियों और बजट की समस्या के कारण इसमें सात साल की देरी हो गई।
4. मिशन पर उस समय 161 करोड़ डॉलर की लागत आई थी। 1990 के 161 करोड़ डॉलर आज के 302 करोड़ डॉलर के बराबर हैं, यानि कि 19,000 करोड़ भारतीय रुपयों के बराबर।
5. वर्ष 1990 में दूरबीन लांच करने के बाद वैज्ञानिकों को इसकी की कुछ बड़ी गलतियों के बारे में पता लगा, जिससे 161 करोड़ डॉलर का यह मिशन खतरे में आ गया था।
6. मिशन खतरे में आ जाने की वजह से यह उस समय मज़ाक का विषय बन गया था और इसकी तुलना ‘टाइटैनिक‘ जैसे हादसों से की जाने लगी थी। इस पर कई तरह की comedy भी होने लगी थी।
7. सौभाग्य से हबल दूरदर्शी को इस हिसाब से तैयार किया गया था कि कोई खराबी आने पर इसकी सर्विस की जा सके। वैज्ञानिकों ने ऐसा ही किया, उन्होंने 1993 में अंतरिक्ष में जाकर इस दूरबीन को ठीक कर दिया, जिससे करोड़ो डॉलर बर्बाद होने से बच गए।
8. हबल दूरबीन में कुछ पुर्जों के सिवा जो सबसे बड़ी समस्या आई थी, वो थी इसके मुख्य दर्पण का ठीक ना होना। दरासल मुख्य दर्पण को ज्यादा पॉलिश कर दिया गया था, जिसकी वजह से वो समतल हो गया। जाहिर था कि दूरबीन का फोकस ठीक ना होने की वजह से वो साफ चित्र नहीं भेज सकती थी।
9. हबल को ठीक करने का पहला मिशन 11 दिन तक चला था। जिसमें अलग-अलग वैज्ञानिक 35 घंटे 28 मिनट अंतरिक्ष में यान से बाहर रहे और इस दूरबीन को ठीक किया।
10. हबल दूरबीन पर अब तक कुल 5 सर्विसिंग मिशन भेजे जा चुके हैं। पहला 1993 में और आखरी मई 2009 में। इसकी एक सर्विसिंग पर लगभग 50 करोड़ डॉलर की लागत आई थी।
11. हबल दूरदर्शी की मुरंमत करने के लिए मई 2009 के बाद कोई नया सर्विसिंग मिशन इसलिए नहीं भेजा गया क्योंकि वैज्ञानिक मई 2020 में इससे बड़ी खगोलिय दूरदर्शी लांच करने वाले हैं, जिसका नाम होगा – James Webb Space Telescope.
12. वैज्ञानिकों का मानना है कि कोई भी नया सर्विसिंग मिशन ना भेजने की सूरत में भी हबल दूरबीन वर्ष 2030 से 2040 के बीच तक काम करती रहेगी।
13. पृथ्वी की सतह से 568 किलोमीटर दूर हबल दूरबीन 95.47 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेती है और हर रोज़ 10 से 15 GB तक के data जितने आंकड़े भेज देती है।
14. 11 टन वजनी हबल दूरबीन की लंबाई 13.2 मीटर और अधिकतम व्यास (diameter) 4.2 मीटर है।
15. हबल का कम्प्यूटर सिस्टम 1980 के दशक का है। कम्प्यूटर में 4 मेमोरी मॉड्यूल हैं, लेकिन दूरबीन को चलाने के लिए 1 की ही जरूरत है।
16. हबल ने अपने 30 साल से ज्यादा के कार्यकाल में 1,75,200 से ज्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की है।
17. यह दूरबीन पृथ्वी की तस्वीरें नहीं ले सकती क्योंकि पृथ्वी के नज़दीक इसकी परिक्रमा तेज़ी से होने के कारण यह इसके camera के exposure time से बाहर है।
18. अंतरिक्ष में दूरबीन स्थापित करने का विचार सबसे पहले Lyman Spitzer ने 1946 में दिया था जिन्होंने एक लेख लिखकर ऐसी दूरबीन के लाभ बताए थे।
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Madhu yadav says
Sir, habble telescope me koun koun se lens hote hai,,,,,aur unka structure kaise hota h
Prashant says
Sir koi ek aisi door been ka naam bayaiye jisse Ki hum HUBBEL ko easy dekh or spast saken…
Sahil kumar says
ऐसी दूरबीनें महंगी होती है। यह लैब वगैरह में ही मिलती हैं।
Thanesh Sahu says
Sahil Ji Jane Eyre (जेन आयर) Novel की कहानी Wala Post Mujhe Achcha Laga. Chetan Bhagat Ji Ke Novel Par Bhi Post Kare.
Sahil kumar says
भविष्य में जरूर करेंगे।
AMITABH SARKAR says
Sir Plzzz…. Something write about (E.T) extra terrestrial, or Aliens who inviseted our past
Deepender says
No Man. basically universe 72km/parsec ki speed se accelerat hota hai jisse ye lgatar expansion ki trf jata hai. aur kisi object ko speed of light se trevel krne pr infinite amount of energy chahiye. thanx to E =mc2 !
aur koi alien life jo type 2 civilization ya usse uper ho vohi esa kr skti hai. esi alien life earth me kyu intrested hogi. example are you ever exited about racoon world?never.!
Nekram says
Nice
Khushbu Gupta says
Sir jis tarah sun se earth tak travel karne me light 8 min 20 seconds leta hai usi tarah sare planet par light ko travel karne me kitna time lagta hai. Please sir batana jaroo, I want to know.
Sahil kumar says
यदि आप प्रकाश की गति से यात्रा कर रहे थे तो आप दुनिया के साढ़े 7 चक्कर सिर्फ 1 सैकैंड में लगा सकते हैं।
Deepender says
Mercury – 3.2 minutes
venus – 6.0 minutes
earth – 8.3 minutes
Mars – 12.6 minutes
Jupiter – 43.2 minutes
Saturn – 79.3 Minutes
Uranus -159.6 minutes
neptune – 4.1 hours
pluto – 5.5 hours
Khushbu Gupta says
Thanks deepender sir, mujhe ye hi pata karna tha. Sahil sir ne sare planets ka mean only earth samajh Liya.
P R T says
Bahut achi jankari sir ji
Arun katala says
Can you write an article about Holocaust please.
Sahil kumar says
भविष्य में जब विश्व का इतिहास पर लिखेंगे, तो जरूर डालेंगे।
Khushbu Gupta says
Wow great article sir, mujhe nahi pata tha ki hubble telescope earth se itni door hai waise sir wo telescope jisse hum solar system ke planet ko easily dekh sakte hai uska price kitna hoga
Sahil kumar says
यह इस पर डिपेंड है कि आप कौन सा ग्रह देखना चाहते है। लेकिन ऐसी दूरबीने काफी महंगी होती है। 5 हज़ार से ज्यादा की।