यूरोप पृथ्वी के सभी 7 महाद्वीपों में सबसे विकसित महाद्वीप है। यूरोप के कई देशों ने दूसरे महाद्वीपों के लोगों को गुलाम बनाकर उन्हें खूब शोषित किया था। संसार ने दो महायुद्धों को यूरोप के देशों की आपसी दुश्मनी की वजह से ही झेला था।
आज हम आपको युरोप महाद्वीप से जुड़ी 6 जरूरी जानकारिया देगें जो इस प्रकार हैं-
युरोप महाद्वीप की सीमाएं
यूरोप महाद्वीप पूरी तरह से एशिया महाद्वीप से जुड़ा हुआ है और इन दोनों महाद्वीपों को साथ में यूरेशिया कहते हैं।
महाद्वीप की सीमाएं काफी हद तक काल्पनिक है जिन्हें भौगिलक आधार पर नहीं बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर विभाजित माना जाता है। जैसे कि ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं क्योंकि इनकी संस्कृति और इतिहास युरोप के बाकी देशों के नज़दीक है। इसी तरह से ग्रीनलैंड यूरोप का हिस्सा नहीं है क्योंकि पिछले समय में ग्रीनलैंड के प्राचीन मानवों का संबंध अमेरिकी महाद्वीप पर रहने वाले लोगों से था।
रूस के पश्चिमी हिस्से का सांस्कृतिक दृष्टिकोण भी युरोप में ही माना जाता है इसलिए रूस का यह हिस्सा युरोप महाद्वीप में गिना जाता है और UN में भी रूस युरोप का देश ही माना जाता है। इसके उल्ट रूस का पूर्वी हिस्सा जिसे साइबेरियाई इलाका भी कहा जाता है वो एशिया का हिस्सा है जिसमें अत्याधिक ठंड के कारण काफी कम आबादी रहती है।
वैसे आमतौर पर यूरोप और एशिया के बीच की सीमा यूराल पर्वतो को माना जाता है। यूराल पर्वतों के रास्ते में आने वाले जल श्रोत जैसे कि यूराल नदी, कैस्पिन सागर और काला सागर भी यूरोप और एशिया के बीच की सीमा का फर्क दिखाते हैं।
नीचे दी गई तस्वीर आपको युरोप की सीमा की जानकारी दे सकती है। इसमें तीन चीजें दिखाई गई हैं-
1) हरे रंग में विवादित क्षेत्र है जो कुछ विद्वानों के अनुसार तो यूरोप में है और कुछ के अनुसार एशिया में।
2) एक लाइन से वर्तमान समय में मानी जाने वाली सीमा को दिखाया गया है जो अधिकांश रूस के बीच से गुजरती है।
3) हलके हरे रंग में उन देशों को दिखाया गया है जो जिनके कुछ जा बहुत सारे हिस्से एशिया और युरोप दोनों में आते है। ये 5 देश हैं – रूस, आर्मीनिया, आज़रबाइजान, जॉर्जिया और तुर्की।
महाद्वीप की भौगोलिक स्थिती
यूरोप पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और छोटे-मोटे जलमार्ग स्थित हैं।
युरोप महाद्वीप ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर बाकी सभी मुख्य महाद्वीपो से ठीक दूरी पर है। इसी वजह से इसके कई साहसिक नाविक दुनिया के दूसरे भागों में पहुँचने में कामयाब रहे।
यूरोप महाद्वीप का क्षेत्रफल
युरोप महाद्वीप का क्षेत्रफल 1 करोड़ 1 लाख 80 हज़ार वर्ग किलोमीटर है। संक्षेप में याद रखने के लिए हम ये भी कह सकते हैं कि यूरोप महाद्वीप का क्षेत्रफल लगभग 1 करोड़ 2 लाख वर्ग किलोमीटर है।
तुलना के लिए बतां दे कि भारत का क्षेत्रफल 32 लाख 87 हज़ार वर्गकिलोमीटर है। इस तरह से यूरोप भारत से लगभग 3 गुणा ज्यादा बड़ा है।
यूरोप ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर बाकी सभी महाद्वीपों से छोटा है।
रूस यूरोप का सबसे बड़ा देश है जबकि वैटिकन सिटी सबसे छोटा देश है।
यूरोप में कितने देश हैं?
यूरोप महाद्वीप में बहुत सारे देश है। इंटरनेट पर आपको यूरोप के देशों की गिणती अलग-अलग मिलेगी। इसी समस्या को सामने रखते हुए हमने इस विषय पर एक अलग पोस्ट लिखी थी कि यूरोप महाद्वीप में कुल कितने देश हैं?
उस पोस्ट में हमने बताया था कि यूरोप में रूस समेत 46 देश है। इन देशों में उन चार देशों को नहीं जोड़ा गया है जो कि यूरोप और एशिया दोनों में आते है। ये देश हैं – आर्मीनिया, आज़रबाइजान, जॉर्जिया और तुर्की
यूरोप की आबादी
3 नवंबर 2017 तक यूरोप की कुल आबादी लगभग 74 करोड़ 22 लाख है जो कि इसे एशिया और अफ्रीका के बाद सबसे ज्यादा आबादी वाला तीसरा महाद्वीप बनाती है। यह आबादी संसार की कुल आबादी का 9.93% है।
इस तरह से यूरोप का जनसंख्या घनत्व लगभग 73 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
गौर करने वाली बात यह है कि नवंबर 2017 में भारत की आबादी 134 करोड़ तक पहुँच चुकी है और ये यूरोप की आबादी से 60 करोड़ ज्यादा है।
महाद्वीप के लोगों की औसत आयु 41.8 साल है और 74.2% आबादी शहरों में रहती है।
साल 1900 में यूरोप की आबादी संसार की कुल जनसंख्या का 25% हिस्सा थी जबकि 2050 में इसके सिर्फ 7% रह जाने की संभावना है।
यूरोप महाद्वीप की विशेषताएं
जलवायु – महाद्वीप का जलवायु मनुष्यों के रहने के बेहद अनुकुल है जिसकी वजह से लोगों का मन कामकाज़ में लगा रहता है और इसी वजह से वैज्ञानिक और उद्योगिक विकास अपने चर्म पर है। इसके सिवाए इसके बेहद कम भाग ऐसे हैं जहां पर बहुत ज्यादा सर्दी या गर्मी होती हो।
विच्छेदित तट रेखाएं – यूरोप महाद्वीप का तट बहुत कटा-फटा है जिसकी वजह से कई प्राकृतिक बंदरगाहें मौजूद हैं। बंदरगाहों की ज्यादा संख्या की वजह से व्यापार को प्रोत्साहन मिला है। महाद्वीप के बेहद कम ऐसे देश हैं जिनका संपर्क समुंदर से ना हो।
उपयोगी स्थल भाग – भले ही यूरोप का क्षेत्रफल बहुत कम है लेकिन दूसरे महाद्वीपों के मुकाबले इसमें ऐसा कोई बड़ा भाग नहीं जो उपयोगी ना हो। जैसे कि अफ्रीका में सहारा, भारत में थार रेगिस्तान हमारे किसी काम के नहीं। यूरोप में लगभग हर तरह के खनिज़ भी बड़ी मात्रा में मिलते हैं।
वैज्ञानिक विकास – वैज्ञानिक विकास में यूरोप अमेरिका और रूस के साथ खड़ा नज़र आता है और कई मामलों में इनसे आगे भी है। आधुनिक युग के बहुत सारे वैज्ञानिक और आविष्कारक यूरोप में ही जन्में है।
उद्योगिक विकास – यूरोप में ही सबसे पहले उद्योगिक क्रांति आई थी और हर किस्म के उद्योग का आरंभ युरोप से ही हुआ था।
“आज ज्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनंद लेते हैं।”
Suyash says
Sir Nadiya jalvayu jal sandiya havaye jesi jankari nahi he
Ravi Jamre says
Achi Janakari h Sir
Or aage bhi kuch mahatvpurn jankariya dijiyega…thankyu
Ashwini upadhyay says
Sahil ji aapke post bahut rochak hote hai mera nivedan hai aap se ki aap ajay devgan ki jagah apna picture use kre
Akhil Sukumar Kasana says
प्लीज यह बताए कि रूस के पश्चिमी भाग को
ही क्यों यूरोप का हिस्सा माना गया हैं पूर्वी भाग को क्यों नहीं।
Sahil kumar says
असल में युएन के अनुसार तो सारा ही युरोप में है लेकिन भुगोलवेता उसी तरीके से देखते है जिस तरह से पोस्ट में बताया गया है।
sonam singh says
BHUT AACHI JAANKAARI SIR
Himanshu says
Awesome
गौतम मालवीय says
अगर यूरोप का देश रूस है तो इसका क्षेत्रफल बहुत ज्यादा होना चाहिये क्योंकि रूस का क्षेत्रफल 1 करोड़ 70 लाख है
Sahil kumar says
असल में केवल रूस के पश्चिमी भाग को ही जोड़ा गया है जो आप तस्वीर में देख रहे हैं। ये महाद्वीप की सीमा है।