नेपोलियन बोनापार्ट का इतिहास – Napoleon Bonaparte History in Hindi
व्यवसाय : फ्रांस के सम्राट
जन्म : 15 अगस्त 1769, अजैक्सियो (फ्रांस)
मृत्यु : 5 मई 1821 (आयु 52 वर्ष)
प्रसिद्धि कारण : एक सर्वश्रेष्ठ सेनापति, युरोप के ज्यादातर हिस्से को जीता
नेपोलियन का प्रारंभिक जीवन
1. नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म 1769 ईसवी में फ्रांस के कोर्सिका द्वीप के अजैक्सियो शहर में हुआ था। उनके पिता कार्लो बूनापार्ट (Carlo Buonaparte) फ्रांस के राजा के दरबार में कोर्सिका द्वीप की तरफ से प्रतिनिधि थे। नेपोलियन के चार भाई और तीन भहनें भी थी।
2. एक अमीर परिवार में पैदा होने के कारण नेपोलियन को बचपन में अच्छी शिक्षा मिली। उन्हें एक सैनिक अफसर बनने के लिए फ्रांस की military academy में भी भेजा गया था।
3. नेपोलियन बचपन से ही अंतर्मुखी और आत्मकेन्द्रित व्यक्तित्व का स्वामी था। उसने इतिहास, भूगोल और गणित का अध्ययन किया था। वह जुलियस सीजर और सिकंदर से काफी ज्यादा प्रभावित था।
4. 1785 ईसवी में जब नेपोलियन 16 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई और वो अपनी पढ़ाई छोड़कर अपने घर कोर्सिका आ गए। घर आकर उन्होंने परिवार के कामकाज को संभालने में मदद की।
5. कोर्सिका में नोपोलियन एक क्रांतिकारी संगठन के साथ जुड़ गए जो कोर्सिका पर फ्रांस के कब्ज़े विरोध में था।
फ्रांस की क्रांति
6. नेपोलियन जब कोर्सिका में थे तब फ्रांस की राजधानी पेरिस में लोगों ने वहां के राजा और उसके शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया। इस विद्रोह का उद्देश्य फ्रांस में राजशाही को खत्म करके लोकतंत्र की स्थापना करना था। इस विद्रोह को फ्रांस की क्रांति कहते है और यह 1789 में शुरू होकर 1799 में खत्म हुआ।
7. नेपोलियन को जब फ्रांस के विद्रोह के बारे में पता चला तो वो फौरन कोर्सिका से फ्रांस आ गए और विद्रोहियों के एक ग्रुप के साथ जुड़े गए। उनकी प्रतिभा के कारण जल्दी ही उन्हें विद्रोही सेना की एक टुकड़ी का कमांडर बना दिया गया।
8. 1793 ईसवी में इंग्लैंड की सेनाओं ने फ्रांस के टाउलुन (Toulon) शहर पर कब्ज़ा जमा रखा था और नेपोलियन को एक सैनिक टुकड़ी का कमांडर बनाकर यह जिम्मेदारी दी गई कि वो किसी तरह से अंग्रेज़ो को शहर से बाहर निकाले।
9. नेपोलियन ने बड़ी चतुराई से अंग्रेज़ों को टाउलुन के किले से बाहर निकालने का प्लान बनाया और वो उस में सफल भी हो गया। नेपोलियन की इस सफलता ने फ्रांस के बड़े नेताओं का ध्यान अपनी और खींचा और उन्हें सिर्फ 24 साल की उम्र में ब्रिगेडियर जनरल बना दिया गया।
10. टाउलुन के युद्ध के बाद नेपोलियन ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा दिखाई जब उसने 1795 में नेशनल कन्वेंशन के दौरान राजसत्ता की समर्थक भीड़ को संसद पर आक्रमण करने से रोक दिया। इससे उसकी पदोन्नति तय हो गई और यह भी तय हो गया कि भविष्य में उसे जिम्मेदारी भरा पद मिल सकता है।
इटली से ऑस्ट्रिया की सेनाओं को निकालना
11. 1796 ईसवी में नेपोलियन बोनापार्ट को इटली में लड़ रही फ्रांस की सेनाओं की कमान सौंपी गई। जब नेपोलियन इटली पहुँचे तो वहां फ्रांस की सेनाएं ऑस्ट्रिया (Austria) की सेनाओं से बुरी तरह हार रही थी।
12. नेपोलियन ने इटली आकर फ्रांस की सेनाओं को अच्छी तरह से व्यवस्थित किया और वो ऑस्ट्रिया की सेनाओं को इटली से बाहर खदेड़ने में कामयाब हो गए। इस जीत से नेपोलियन फ्रांस के लोगों की नज़र में हीरो बन गए।
13. ऊपरोकत वर्णन किए गए युद्ध में फ्रांसीसी सेना के नेपोलियन ने सफलता तब दिलवाई जब उनके पास ना तो पर्याप्त खाद्य सामग्री थी, न पहनने के लिए पर्याप्त कपड़े और न ही युद्ध के लिए पर्याप्त हथियार। उस विजय के बाद उसने घोषित किया कि उसके शब्दकोश में असंभव नाम का कोई शब्द नहीं है।
तानाशाह बनना
14. 1799 ईसवी में जब नेपोलियन मिसर के अभियान पर थे तब उन्हें खबर मिली के राजधानी पैरिस में राजनैतिक हालात ठीक नहीं है। वहां की सरकार जिसे डायरेक्ट्री कहा जाता था धीरे – धीरे कमज़ोर हो रही है। नेपोलियन यह खबर सुनते ही पैरिस आ गए।
15. पैरिस आकर नेपोलियन ने अपने सहयोगियों के साथ फ्रांस में एक नई सरकार की स्थापना की और खुद को उसका मुखिया घोषित कर दिया। अब नेपोलियन एक तरह से फ्रांस के तानशाह बन चुके थे।
16. फ्रांस के तानशाह के तौर पर नेपोलियन बोनापार्ट ने संविधान में कई बदलाव किए, जिसमें से सबसे बड़ा था- नेपोलियन कोड। इस कोड के मुताबिक अब सरकारी पदवियों पर जन्म और धर्म के आधार की बजाय योग्यता के आधार पर नियुक्तियां की जाया करेंगी। यह एक बड़ा बदलाव था क्योंकि इससे पहले सरकारी पदवियों की नियुक्ति केवल राजा के हाथ में होती थी और वो उन्हीं लोगों को पदवियां देते थे जो उनका समर्थन करते थे।
17. नेपोलियन ने फ्रांस की आर्थिकता को मज़बूत करने के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने इसके लिए कई सड़कें बनवाई और नया व्यापार शुरू करने पर कई तरह की छोट दी।
18. नेपोलियन बोनापार्ट के समय कैथोलिक चर्च राज्य का राज धर्म था परंतु उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को बराबरी का अधिकार दिया। उन्होंने गैर-धर्मी सकुलों की स्थापना की जिसमें कोई भी शिक्षा प्राप्त कर सकता था।
19. नोपोलियन के किए गए सुधारों के कारण उनकी ताकत लगातार बढ़ती ही जा रही थी और 1804 ईसवी में उन्होंने अपने आपको फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया। राज तिलक के समय उन्होंने पोप को मुकट पहनाने की इज़ाजत नही दी बल्कि खुद ही मुकट अपने सिर पर पहना।
साम्राज्य विस्तार
20. नेपोलियन ने अपने राज्य में शांति बनाए रखी, लेकिन जल्दी ही उनका इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया और रूस के साथ युद्ध शुरू हो गया। इंग्लैंड से एक लड़ाई हारने के बाद नेपोलियन ऑस्ट्रिया पर हमला करने का फैसला लेता है और वहां पर रूस और ऑस्ट्रिया की संयुक्त सेनाओं को हरा देता है।
21. 1805 ईसवी से लेकर 1811 ईसवी तक नेपोलियन अपने फ्रांसीसी साम्राज्य का विस्तार करता है जो लगभग पूरे युरोप में फैल जाता है। 1811 ईसवी में फ्रांसीसी साम्राज्य अपने शिखर पर था।

रूस पर हमला
22. 1812 ईसवी में नेपोलियन रूस पर हमला करने का फैसला करता और यह उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल थी।
23. नेपोलियन साढ़े 5 लाख सैनिकों की विशाल सेना लेकर रूस की तरफ कूच करता है। लेकिन लंबे रास्ते और भयंकर सर्दी के कारण उसके कई सारे सैनिक रूस पहुँचने से पहले ही मर जाते है।
24. एक भयंकर युद्ध के बाद नेपोलियन की सेना रूस को हरा देती है। पर जब वो रूस की राजधानी मोस्को पहुँचते है तब वहां जबरदस्त आग लग चुकी होती है जिसमें खाने-पीने का सारा समान जल चुका होता है। नेपोलियन की ज्यादातर सेना भुखमरी की शिकार हो जाती है और वो ऐसी स्थिती में वापिस भी नहीं लौट सकते थे क्योंकि सर्दी का मौसम शुरू हो चुका था।
25. सर्दी का मौसम खत्म होने के बाद नेपोलियन सेना समेत फ्रांस लौट जाता है। लेकिन लंबे रास्ते में थकावट के कारण उसके बहुत सारे सैनिक जो रूस में रहने के दौरान भुखमरी का शिकार हो गए थे, मारे जाते हैं। नेपोलियन की सेना को कितना नुकसान पहुँचा था इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते है, कि वो साढ़े 5 लाख सैनिकों के साथ रूस गया था लेकिन वापिस आया सिर्फ 1 लाख सैनिकों के साथ। उसके साढ़े 4 लाख से ज्यादा सैनिक रूस के अभियान में मारे जा चुके थे।
वापसी, इलबा पर निर्वासित और वाटरलू का युद्ध
26. जब नेपोलियन फ्रांस आता है तो वहां की राजनैतिक परिस्थिती बदल चुकी होती है। उसके विरोधी देश अपने आपको ताकतवर बना लेते है जिनका मुकाबला नेपोलियन अपनी छोटी सी सेना के साथ नही कर पाता और उसे इटली के इलबा (Elba) द्वीप पर निर्वासित कर दिया जाता है।
27. नेपोलियन किसी तरह से इलबा द्वीप से भाग आता है और पैरिस आकर दुबारा सत्ता पर कब्ज़ा कर लेता है। पर इस वक्त उसके पास इतनी सेना नहीं थी जितनी कि पहले थी। वो महज़ 100 दिन ही राज कर पाता है और युरोप के बाकी देश उसके विरूद्ध अपनी संयुक्त सेना बना लेते है।
28. 18 जून, 1815 के दिन ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया और हंगरी अपनी संयुक्त सेना लेकर नेपोलियन पर हमला कर देते और उसे हरा देते है। इस युद्ध को वाटरलू का युद्ध कहा जाता है क्योंकि यह वाटरलू शहर में लड़ा गया था। युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्म्सर्पण कर दिया था।
नेपोलियन की मृत्यु
29. वाटरलू में हारने के बाद नेपोलियन बोनापार्ट को गिरफतार करके सेंट हेलेना द्वीप पर भेज दिया जाता है जहां पर 1821 ईसवी में 6 साल कैद रहने के बाद उसकी मृत्यु हो जाती है।
30. माना जाता है कि नेपोलियन की मृत्यु पेट के कैंसर की वजह से हुई थी पर कई इतिहासकार यह भी मानते हैं कि इंग्लैंड ने उन्हें धीमा जहर आर्सिनिक देकर मार डाला।
31. मृत्यु के बाद उन्हें सेंट हेलेना द्वीप पर ही दफना दिया गया था परंतु 1840 ईसवी में उनके अवशेषों को लाकर फ्रांस में दफना दिया गया।
नेपोलियन बोनापार्ट से जुड़े अन्य रोचक तथ्य
32. नेपोलियन बोनापार्ट का कद 5 फुट 6 इंच था।
33. उन्होंने एक रुमैंटिक नावल “क्लिसन एट यूजीन” (Clisson et Eugenie) भी लिखा था।
34. नेपोलियन ने दो शादियां की थी, पहली 1796 ईसवी में जोसफिन के साथ और दूसरी 1810 में जोसफिन से तलाक के बाद मैरी लाऊस के साथ।
35. फ्रांस में किसी सुअर का नाम नेपोलियन रखना गैरकानूनी है।
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Atul Agarwal says
Suna hai ki Napolean ko Mirgi (Epilepsy) thi?
Sahil kumar says
सबूत से पता चलता है कि उसके पास मनोवैज्ञानिक और मिर्गी के दौरे दोनों थे।
kiran renke says
VERY GOOD ….
Anand says
Sir mein nepolian ki us story k bare m Janna chahta hu jisme nepolian apni kisi purani painting ko faad deta h jo usne hi bnaii thi. Jyda yaad ni aara but aapko pta hoga plss btaieye mute..
Sahil kumar says
पोस्ट अपडेट करते समय हम उसके बारे में जरूर खोजेंगे आनंद जी।
Jay says
Napoleon Bonaparte k father ka name Charles Bonaparte tha aapne galat update dal rkhi hai sir
Sahil kumar says
Jau it is Carlo, not Charles. This is a french name.
Varinder says
Dharam air raajniti ke bare mein kya vichar they nepolian ke???
Sahil kumar says
धर्म लोगों की अफीम है और राजनीति में कभी भी अपनी गलती ना मानें।
shlok says
nice line hai
pradeep chaudahry says
NEPOLIAN WANTS TO BECOME A POET BUT HE JOIN MILLITARY i read this fact any where
MENKA RANI says
nice line
Deepak Kumar Dalai says
Very excellent.
Gyani Master says
awesome article.. sir aapne nepolian ke sandrb mai sabhi website se achi jankari di hai . thnks
sanjeev sharma says
sir, nepolian bonapart ki date of birth 15 aug 1769 hai, as per your record. i read about battle of plasi in ( 1957). at that time England was busy in battle against neoplian bonapart . how can it possible .
please explain me
Sahil kumar says
मेरे ख्याल से आपने राजीव दीक्षित जी वाली वीडियो या किसी लेख आदि में देखा होगा। वैसे पलासी का युद्ध 1757 में हुआ था, आपने गलत लिखा है। नेपोलियन की जन्मतिथि 15/08/1769 ही है, आप नेट पर सर्च कर सकते हैं।
Vaibhav Mishra says
प्लासी का युद्ध 1757 में हुआ था
Vedpal says
Very interesting and inspiring
Shubham Kumar says
मैं क्रीमिया के युद्व के बारे में जानना चाहता हूँ.
Sahil kumar says
क्रीमिया का युद्ध (जुलाई, 1853 – सितंबर, 1855) तक काला सागर के आसपास चला युद्ध था, जिसमें फ्रांस, ब्रिटेन, सारडीनिया, तुर्की ने एक तरफ़ तथा रूस ने दूसरी तरफ़ से लड़ा था। ‘क्रीमिया की लड़ाई’ को इतिहास के सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण तथा अनिर्णायक युद्धों में से एक माना जाता है। युद्ध का कारण स्लाववादी राष्ट्रीयता की भावना थी।
MD Zafar says
How can we download your fan facts can you please tell me about it…. please please please…it’s very urgent… please
Sahil kumar says
ये डाउनलोड नही होते। आप सिर्फ पढ़ ही सकते हैं।