पोरस प्राचीन भारत के एक राजा थे जिनका राज्य झेलम नदी से लेकर चिनाब नदी तक फैला हुआ था। यह दोनों नदियां वर्तमान समय में पाकिस्तान में बहती हैं। राजा पोरस का समय 340 ईसापूर्व से 315 ईसापूर्व तक का माना जाता है।
राजा पोरस इसलिए प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने सिकंदर से एक युद्ध लड़ा था जो कि इतिहास में काफी प्रसिद्ध है। इस युद्ध में सिकंदर को पोरस से कड़ी टक्कर मिली थी, जिसके बाद उसके सैनिकों के हौसले टूट गए और उन्होंने पूरे भारत को जीतने का सपना छोड़ दिया।
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राजा पोरस की जानकारी के स्त्रोत
पोरस के बारे में जो भी जानकारी उपलब्ध है वो ग्रीक स्रोतों पर आधारित है। हालांकि भारतीय इतिहासकार उनके नाम और उनके राज्य की भुगौलिक स्थिती के आधार पर उनका संबंध प्राचीन पूरूवास वंश से भी जोड़ते है।
पोरस को भारतीय इतिहासकार पुरु भी कहते हैं। यह भी माना जाता है प्राचीन संस्कृत ग्रंथ मुद्राराक्षस में वर्णित राजा पर्वतक कोई और नहीं बल्कि पोरस ही है।
सिकंदर का भारत पर हमला
राजा पोरस के समय जब सिकंदर ने भारत पर चढ़ाई की तो तक्षशिला और अभिसार के राजाओं ने सिकंदर की अधीनता स्वीकार कर ली, इसके बाद पोरस का राज्य था जिसने सिकंदर की अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया।
सिकंदर और पोरस युद्ध
राजा पुरु(जा पोरस) द्वारा सिकंदर की अधीनता न स्वीकार करने के बाद दोनों में युद्ध होना निश्चित था। सिकंदर ने युद्ध के लिए जल्दी से अपनी सेना को तैयार किया। सिकंदर की सेना में अब तक्षशिला और अभिसार के भारतीय सैनिक भी थे।
सिकंदर और पोरस के बीच हुए युद्ध को ग्रीक ‘Battle of the Hydaspes‘ कहते है। Hydaspes झेलम नदी का ग्रीक नाम है। यह युद्ध मई 326 ईसापूर्व में लड़ा गया था। (ग्रीकों को यवन जा यूनानी भी कहा जाता है)
सिकंदर जब अपनी सेना लेकर झेलम नदी के किनारे पर पहुँचा तो दूसरी तरफ राजा पुरु अपनी सेना लिए तैयार खड़े थे। सिकंदर की सेना में जहां 50 हज़ार पैदल सैनिक, 7 हज़ार घुड़सवार थे तो वहीं राजा पुरु के पास 20 हज़ार पैदल सैनिक, 4 हज़ार घुड़सवार, 4 हज़ार रथ और 130 हाथी थे।
नदी में पानी का बहाव ज्यादा था और उसे आसानी से पार नहीं किया जा सकता था। सिकंदर ने फैसला लिया कि वो रात को कुछ हज़ार सैनिक लेकर नदी के उत्तर की तरफ जाएगा और नदी पार करने के लिए कोई आसान सा रास्ता ढूंढेगा।
सिकंदर अपने चुने हुए 11 हज़ार सैनिकों को लेकर झेलम नदी के उत्तर की तरफ चला गया और उसने एक ऐसा रास्ता खोज़ निकाला जहां से नदी को आसानी से पार किया जा सकता था। उधर जब पुरु के सैनिकों ने कुछ यवन सैनिकों को उत्तर की तरफ जाते हुए देखा तो पोरस ने भी उनका मुकाबला करने के लिए अपने एक बेटे को सैनिकों के साथ भेज दिया।
सिकंदर ने आसानी से नदी पार कर ली और पोरस का बेटा अपनी छोटी सी सेना के साथ उसे रोकने में नाकाम रहा और वीरगति को प्राप्त हुआ। इसके बाद सिकंदर की सीधी टक्कर राजा पुरु से होनी थी।
राजा पुरु ने अपने 130 हाथी सिकंदर की सेना के सामने चट्टान की तरह खड़े कर दिए और पोरस की सेना के संगठन को देख कर सिकंदर हैरान रह गया।
भयंकर युद्ध शुरू हो गया। युद्ध में भारतीय हाथियों ने यवनों की ऐसी तुड़ाई की कि बड़ी – बड़ी जंगे जीतने वाले यवन लगातार 8 घंटे लड़ते रहने के बावजूद भी युद्ध नहीं जीत पाए थे।
युद्ध में दोनों तरफ के कई हज़ार सैनिक मारे गए। कई ऐतिहासिक स्रोतों से ऐसा प्रतीत होता है कि इस युद्ध के दौरान भारी बारिश हो रही थी जिसने युद्ध को और भयंकर बना दिया था।
सिकंदर ने जब अपनी सेना का बुरा हाल देखा तो उसने राजा पोरस के पास संधि का प्रस्ताव भेजा जिसे पोरस ने तुरंत मान लिया। पोरस का संधि को मानना मजबूरी थी क्योंकि उसे पता था कि यदि युद्ध ज्यादा समय तक चला तो उसकी हार तय है क्योंकि सिकंदर की सहायता करने के लिए एक बड़ी सेना आने वाली थी।
संधि के अनुसार राजा पोरस सिकंदर के प्रति वफ़ादार रहेगा और आगे के अभियानों में उसकी पूरी सहायता करेगा। बदले में पोरस को वो सभी राज्य मिलेंगे जो सिकंदर ब्यास नदी तक जीतेगा।
क्या पोरस हार गया था सिकंदर से ?
आमतौर पर हमें किताबों में पढ़ाया जाता है कि सिकंदर और पोरस के बीच हुए युद्ध में पोरस हार गया था, पर उसकी बहादुरी से खुश होकर सिकंदर ने उसका राज्य वापिस कर दिया था। पर यह सब एक फिल्मी कहानी प्रतीत होता है।
इतिहास को निष्पक्ष लिखने वाले ग्रीक विद्वान प्लूटार्क का कहना है कि “इस युद्ध में यूनानी आठ घंटे तक लड़ते रहे पर किस्मत ने इस बार उनका साथ नहीं दिया।” इस वाक्य से साफ़ पता चलता है कि सिकंदर वो युद्ध जीत नहीं पाया था।
दरासल सिकंदर के युद्ध अभियान के दौरान उसके कई चापलूस इतिहासकार उसके साथ रहते थे जो उसकी सफलताओं को बढ़ा चढ़ा कर पेश करते थे पर उसकी नाकामियों को छुपा लेते थे। पोरस से युद्ध के पश्चात उन्होंने फौरन ऐसा किया, और युद्ध की वास्तविकता पर लीपापोती करते हुए ‘सिकंदर द्वारा पोरस की बहादुरी देखकर उसे माफ़ करने’ की कहानी गढ़ दी।
सिकंदर भले की एक कुशल सेनापति था पर साथ ही वो अत्यंत अत्याचारी और शराबी व्यक्ति भी था। उसके कारनामों के बारे में हम पहले ही बता चुके हैं। ( पढ़ें – सिकंदर की 10 सच्चाईयां जो उसके विश्व विजेता होने के भ्रम को तोड़ देगीं।)
क्या सिकंदर हार गया था पोरस से ?
कई भारतीय इतिहासकार यह दावा करते है कि सिकंदर और पोरस के बीच हुए युद्ध में सिकंदर की बुरी हार हुई थी जिसकी वजह से उसे भारत से वापिस जाना पड़ा। यह सब बातें बिल्कुल बेबुनियाद हैं।
अगर सिकंदर पोरस से हारा होता तो वो कभी भी ब्यास नदी तक नहीं पहुँचता, जो कि पोरस के राज्य से कहीं आगे है। वास्तविकता तो यह है कि दोनों में संधि ही हुई थी जिसके अनुसार पोरस को सिकंदर की सैन्य सहायता करनी थी और बदले में सिकंदर को ब्यास नदी तक जीते हुए राज्य पोरस को देने थे, जिनपर पोरस सिकंदर के साथी के तौर पर शासन करेगा।
राजा पोरस बहादुर, लेकिन स्वार्थी था
हमारे इतिहासकार पोरस को एक बहादुर राजा तो बताते है पर यह नहीं बताते कि बहादुर होने के साथ साथ वो स्वार्थी भी था। जब सिकंदर को रावी और ब्यास नदी के बीच पड़ने वाले हिंदु गणराज्यों से कड़ी टक्कर मिली तो पोरस ने उनके विरुद्ध सिकंदर की सहायता की।
जब कठ (कथ) गणराज्य के लोगों से सिकंदर का मुकाबला हुआ तो वो इतनी बहादुरी से लड़े कि पोरस को 20 हज़ार सैनिक लेकर सिकंदर की सहायता करने आना पड़ा। पर कठों के साहस से यूनानी सेना के पसीने छूट गए। जब सिकंदर की सेना ने कठों का किला जीता, अधिकतर कठ फरार हो चुके थे ताकि सिकंदर पर छापामार हमले कर सके।
कठो के विरुद्ध पोरस द्वारा सिकंदर की सहायता करना यह दर्शाता है कि वो देशभक्त नहीं बल्कि स्वार्थी राजा था।
पोरस और पर्वतक
संस्कृत ग्रंथ मुद्राराक्षस से हमें पता चलता है कि धनानंद के विरुद्ध युद्ध में पश्चिमी भारत के एक प्रमुख राजा पर्वतक ने चंद्रगुप्त का साथ दिया था। इतिहासकार मानते है कि यह पर्वतक राजा कोई और नहीं बल्कि पोरस ही था।
इतिहास से हमें पता चलता है कि पोरस की हत्या की गई थी जबकि मुद्राराक्षस में वर्णित राजे पर्वतक की भी हत्या हुई थी। इसके सिवा पोरस की धनानंद से दुश्मनी भी थी। शायद इसलिए उसने धनानंद के विरुद्ध युद्ध में चंद्रगुप्त का साथ दिया था।
पोरस की मृत्यु कैसे हुई ?
मुद्राराक्षस से पता चलता है कि राजा पर्वतक की मृत्यु विषकन्या द्वारा हुई थी पर यह बात झूठ प्रतीत होती है। विकीपीडिया के अनुसार सिकंदर के एक सेनापति युदोमोस ने राजा पोरस को 321 से 315 ईसापूर्व के बीच कत्ल किया था, पर इस बात का भी कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
हालाकिं एक मत यह भी है कि आचार्य चाणक्य ने ही पोरस की हत्या करवाई होगी क्योंकि उन्हें लगा होगा कि वो आगे चलकर चंद्रगुप्त के विजयी अभियान में कोई रुकावट बन सकता है।
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Note : हमने पोरस का इतिहास बेहद रिसर्च करके इस पोस्ट में लिखा है। अगर आपके भी इस संबंधी कुछ विचार है तो उनके बारे में हमें कमेंटस द्वारा बताएं। धन्यवाद।
Gajandeep Vaishnav says
Yes bro you are right Raja poras ek mahan Raja tha jo akhand bharat ke liye fight Kiya tha bharat jaitu
Deepak kumar singh says
पोरस महान देशभक्त था जो सिकंदर को भारत से खदेड़ दिया
और हाँ पोरस की मृत्यु सिकंदर का सेनापति सेल्युकस निकेटर और देशद्रोही आंभीराज का पुत्र देशद्रोही अम्भि ने किया था
कोई चाणक्य नहीं
Vikrant Singh says
Purusutam acchha Raja tha lakin Sikandar mahan tha aur hai bahi ki Raja bamni bhi
Acchha Raja Hindustani
Ka tha
निहाल सिंह says
राजा पुरु बहुत ही महान था
उसने अपना पूरा जीवन अपनी मात्र भूमि के लिए समर्पण कर दिया
Yash Pal says
भारत जयतु भाई ।
क्या करें यार भाई हमारे देश के ही कुछ स्वार्थी लोग हमारे महान राजाओं और वीरो को ऐसा गलत बोलते रहते हैं
The history says
सत्य कहा दोस्त तुने और में ईस बात से साफ तौर पर इन्कार करता हू ‘ कि राजा पोरस ‘ पुरु ‘ स्वार्थी था बल्का वही महान देश भक्तो में से एक था , एक है , एक रहेगा भारत जयतु भारत जयतु भारत जयतु !
UDAI VIR JAIWAR says
पोरस साहसी योद्धा था,जहां तक्षशिला और अभिसार ने विना लड़े समर्पण कर,सिकन्दर का साथ दिया,वहीं पोरस ने डटकर मुक़ाबला करने का फ़ैसला किया!
यह पहला विदेशी आक्रमण था जिसका सीमा पर ही पोरस ने जवाब दिया और सिकन्दर का साहस टूट गया-जिसकी परिणति दोनों में सन्धि का होना है!
KANWAR PRAJAPAT NAGAURI says
RIGHT SIR
विक्रम सिंह says
मैं इस बात को कभी नही मान सकता कि राजा पुरु स्वार्थी थे वो एक महान राजा थे जिन्होंने भारत देश को सिकन्दर से बचाया
स्वर्थी और लालची तो वो धनानन्द था जो अपने अहंकार मैं था और अम्बिराज था
Deepak kumar singh says
स्वार्थी और देशद्रोही मगध का सम्राट धनानंद और तक्षशिला का राजा आंभीराज था
पोरस महान देशभक्त था जो सिकंदर की अधिनता स्वीकार नहीं किया और उसे भारत से खदेड़ दिया।
मातृभूमि की रक्षा मे उसने अपनी माँ अनुसूइया पिता बमनि भाई हस्ती और सारे संबंधी को खोया
और अंत में विदेशी सेल्युकस निकेटर और देशद्रोही अम्भि कुमार ने उसे धोखा से मार दिया
भारत का पहला देशद्रोही अम्भि राज और धनानंद था
पोरस महान था देशभक्त था ऐसे देशभक्त वीर योद्धा को इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में याद रखेगा
भारत जयतु
Vikas says
Are yr uper padd to lo pehle, agar porus ne sikander ko bharat se bahar nikal diya tha to sikander vyas nadi tak kaise pahuncha…porus mra bhi nhi tha yudh me to sikander kaise aage bada bharat me socho
GAURAV TYAGI says
takshshila or abhisaar k kuch namak haram logo ne harami pan dikha kar alexender k saath apni matrbhumi ka soda kia tha jis karan alexzender jesa krur shasak bharat par chadhai kar paya aadhe adhure satya ko lekar koi nirnay na le anyatha dur rahe
Jasvir singh says
Puru ek deshbhakt raja tha. Wo swarthi nhi tha.
Sk says
पोरस एक महान राजा था sony tv पर आने वाला पोरस में बहुत सी चीजें काल्पनिक है इसमें अंत में पोरस और सिकंदर के बीच मित्रता को दिखाया गया है वास्तव में सिकंदर पोरस से हार गया था
पवन कुमार says
राजा पूरी एक महान राजा थे, वे स्वार्थी नही थे। सिकन्दर में यह गुण नही था कि बहादुरी को देखकर राज्य दिये हों, जिस क्षेत्र पर राजा पुरु राज करते थे भारत का उतरी हिस्सा हरियाणा पता जिस पर आज तक कोई राज नही कर पाया है ना मुगल टिके है, ना अंगर्ज टिके रहा बस न्याय जीता हैं। जय हिंद ।
Varun Singh chandravanshi says
Porus ek mahaan yodha tha or me Aapne bete ko porus ki kahaani jaroor parhaunga
Or porus ek ( Chandravanshi ) raja the jai jai jarasandh jai chandravanshi jai porus
Rahul kumar says
Mere mat se toh porus swarthi Nahi thein pehli baat ye baat jhut bhi ho Sakti hai or dusri baat agar yeh baat sach Hain toh unhone dusre rajyo pe ishliye hamla kiya Hoga kyunki vo unke dusman ho or unka samarthan na karte ho… Chandragupta Maurya toh sabse ache hai or porus bhi ruler
Devendra banjara says
आपने कहा है कि पोरस देशभक्त नही स्वार्थी था तो बांकी के दो राज्य अभिसार और तक्चशिला के राजाओं ने क्यों सिकन्दर का साथ दिया राजा पोरस के विरुद्ध में
Sahil kumar says
वो भी उस जैसे ही थे देवेंद्र जी।
Shrutraj patel says
Maharaj puru mahan the jo vo desbhakat nhi hote to ve yudha kare bina sikander ke sath sandhi kar lete. Per onhone esa nhi kiya.
Sikander ne apni bhul ko svikara that duniya ke samane ose bhi marate vakt santi ka matalab pata Chala tha.
Vo ve Bharat se sikha gya tha
Surendra Dhangar says
Puras Dhangar ek Hindu Raja tha jo ki Dhangar jaati ka h Ashok Mahan, chandragupt maurya bhi Dhangar jaati se h, yhan pr History se chhed chhad ki unani itihaaskaro ne sikandar ko mahan bana diya or ye bhi unka maha chela bn rha h or vhi galati dubara kr rha h jabki Porus ek Mahan desh bhakt yodha tha h or rhega
Jai Dhangar
Jai Malhar
Jai Ahilya bai Holkar
nikita dhyani says
mahan poras tha shikandar nhi jisne jhelam or chenab nadi ko sandhi karne par shikandar ko sopa
Bharat Singh Gaur says
जो भी इतिहास हो, मैं नही जानता हूँ बस इतिहास की उन अच्छी बातों से प्रेरित हूँ जो लोगो मैं इंसानियत पैदा करती हैं चाहे वो किसी भी मुल्क की हो । या मजहब की, उनका हमे अनुसरण करना चाहिये हमारी भारतीये संस्कृति हमे यही सिखाती हैं।
Yogendra Mewada says
Bharat Singh Gaur ji me aapki bat se पूर्णतः सहमत हूं और इसका समर्थन करता हूं।
Mustaquim says
आप के विचार से बढकर और कोई विचार नही हो सकता सैल्यूट भाई
इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है
पवन says
आज भी इंसानियत की दुहाई देकर जीवों को काटकर और उसके चीर फाड़कर खा जाता है इन्सान, इन्सानियत बताओ लेकिन इंसान को नही खजब की इंन्सानियत है। इसे बचाकर रखना
mukul says
sikandar ne mukhya bharat me pravesh hi nhi kiya uski sena to keval nando ka naam sunke hi dar gayi thi .tum kahte ho bada mahan tha pharas ko jita tha kya khak mahan tha
Aishwarya Singh says
Sir i want u too delete this idiotic whichever u have put it on Google…..its seems likh u r selfish who is providing such baseless write up …..shame on u….u r putting young generation into dark…..have some shame
Sahil kumar says
ऐश्वर्या जी हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, हमने यही दिखाने का प्रयास किया है।
Utkarsh singh says
Bilkul satya kaha apne sahil ji mai apki baat ka samrthan karta hu
Pankaj says
Mai is Se sahmat hun iska samarthan karta hun
Utkarsh singh says
Mr sahil is not putting in the dark because you are already in dark soo first try to over come and understand the things… first know more about india
Debjani Mahanty says
सिकंदर पोरस से हार नहीं गया था. यदि सिकंदर पोरस से हार जाता तो सिकंदर के सेनापति के साथ चंद्रगुप्त मौर्य का युद्ध नहीं होता. सिकंदर के सेनापति के साथ चंद्रगुप्त मौर्य का युद्ध हुआ था इसलिए यह साबित होता है पोरस सिकंदर से हार गया था. सिकंदर आगे बढ़ने चाहे परंतु सिकंदर के सेना मगध के सेना भयभीत होकर आगे नहीं बढ़ने से इंकार कर दिया था. सिकंदर सेनाओं ने सुना था मगध के सेना बहुत बड़ा था. सिकंदर के सेनाओं बहुत युद्ध किया था. सिकंदर के सेना बहुत युद्ध करके थक गया था इसलिए सिकंदर के सेनाओं ने आगे बढ़ने से इंकार कर दिया था. सिकंदर के सेनाओं ने आगे बढ़ने से इंकार कर दिया था इसलिए सिकंदर ने उसके सेनापति और उसके सेना को रखकर चला गया था. पोरस हिन्दू नहीं था. ग्रीक शब्द अश्शुर अर्थात असीरियन के लिए प्रयुक्त होता था. सिकंदर है अश्शुर(असुर). ऋगवेद(ऋगवेदसंहिता) में आर्य के वंशजों ने खुद को अश्शुर(असुर) कहा है. पोरस है अश्शुर(असुर) इसलिए सिकंदर पोरस को बंदी बनाकर नहीं रखा.
Sahil kumar says
बाकी सब तो ठीक है, लेकिन पोरस हिंदु नहीं था, और असुर-दैत्य आदि बातें कोई अर्थ नहीं रखती।
aakash says
sahil ji sahi kha aap ne main aap ka samarthak karta hoon
Debjani Mahanty says
आप ऋगवेद(ऋगवेदसंहिता) पढ़. पोरस हिन्दू नहीं है. पोरस है ग्रीक(अश्शुर). चंद्रगुप्त मौर्य है हिन्दू. हिन्दू राजा चंद्रगुप्त मौर्य ने इस भारत को ग्रीकों(अश्शुर) से मुक्त किया था. हिन्दू राजा चंद्रगुप्त मौर्य एक महान राजा था.
Utkarsh singh says
agar poras hindu nii the to raja puru ya pravartak kyu kaha jata hai aur puru vansh ko to jhuthla diya apne
Radha Ramdev says
Debjani Mahanty सही कहा हो. ऋगवेद(ऋगवेदसंहिता) के रचयिता ने खुद को अश्शुर(असुर) कहा है. जो लोग ऋग्वेद(ऋगवेदसंहिता) नहीं पढ़ा वह लोग तुम्हारे . ऋगवेद(ऋगवेदसंहिता) का कृष्ण है ग्रीक(अश्शुर). ग्रीक अर्थात अश्शुर आर्य(वीर,योद्धा) ने हिन्दू कहने शुरू कर दिया था. यहूदियों से हिन्दू पुरोहित के DNA 99% मिलते है.
Sahil kumar says
इस बात का क्या सबूत है कि यहूदियों से हिन्दू पुरोहित के DNA 99% मिलते है?
PardeepSingh Purvanshi Thakur says
राजा पोरस हिन्दू राजा था सिंकदर राजा पूरू से हार गया था राजा पूरू ने सिंकदर को कई बार जीवन दान दिया था राजा पूरू के वंशज अाज भी भारत देश में रहते है सिंकदर युध्द में से भाग गया था राजा पूरू देश भक्त थे। आपको हमारे इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए राजा पूरू के वंशज पूरूंवशी ठाकूर है ।
Sateesh kumar says
Yudha raja puru hi jeete the sikandar nahi
Kyoki puru se harane k baad usaka ahnkar
Vishaw vijay ka rut chuka tha esi shok aur cheenta se use hot aa gaya aur vah mar gaya
Mukesh Kumar ahir says
सही कहा आपने
Peeyush says
आपको यह जानना आवश्यक है कि पौरस का सही नाम पुरुषोत्तम था जो राजा बमनी का पुत्र था उसका पौरस नाम सिकंदर द्वारा रखा गया था
पौरस से युद्ध के बाद सिकंदर की मृत्यु हो चुकी थी
उसके सेनापति ने बाद में पुरुषोत्तम को धोखे से मार दिया था
उसे बाद वह आगे बढ़ा था
Santosh Sonawane says
अबतक कोई भी ये नही जानता की सचचाई कया है
पोरस कैसे मरा कौन जिता कौन हारा
राहुल हिन्दुस्तानी says
Poras was a HINDU YADUVANSHI KSHAKTRIYA, , but no matter, we should proud that he was Hindu, ye baat shi h ki porus brave tha ,but kuch logo ko ye baat hazam nhi ho rhi, ji haa ye wahi log hai jo akbar jese Ko mahaan batate hai
धन्यवाद
Babita Pandit says
Mai aapke baat se sehmat hoo Rahul Hindustani ji. Maharaj purushottam (puru/porus) ek aise shashak the jinhone apni matrabhoomi ki raksha ke liye apne personal life ke baare mai bhi nahi socha . yaha tak ki jab unke saamne unki Maa aur unki matrabhoomi dono mai se kisi ek ka chayan karna tha to unhone apne matrabhoomi ka chayan kiya tha. Aur puru ne Alexander ko ek nahi balki kayee yudhoo mai haraya tha. Aur har baar Alexander ko nihatha karke chhod deta tha kyunki Bharatiya Kshatriya raja kabhi nihathe sharru par war nahi karte. Aur rahi Alexander se sandhi karne ki baat to jiska janm hi Bharat ki raksha yavno se karne ke liye hua tha wo bhala kaise unse sandhi kar sakta.
Pata nahi aajkal ke logo ko ho kya gaya hai, jo wastawik mai mahan hai unhe mahan kaha nahi jaata aur jiski mahan banne ki aukat tak nahi hain use mahan bana rahe hai
Omi jussvie says
Purus ke patni ka kya nam tha?
Sahil kumar says
इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
Virendra says
पोरस की पत्नी का नाम “लाची” था।
Shiva kumar says
Porus ki patni ka nam lachi tha ,jo ak Dashyu thi .
Santosh kumar says
Ye baate aryo ke Anne ke pahale ki hai
Inke baare me sahi janakari kishi ko nahi hai
Tanya singh says
Knowledgeable INFORMATION
Prabhjot Singh says
उस समय तो भारत कोई देस ही नहीं था तो देशभक्त किसका होता???
पोरस को अपना देश बचाना था न कि दूसरों का
श्रीयल says
भारत देश महाभारत के काल से ही बन चुका था महाराज भरत के नाम पे चेक करो हिस्ट्री
रजिन्द्र बंसल अबोहर says
चाहे 1947 तक भारत अलग अलग राजे रजवाड़ों राज्यों व रियासतों में बंटा रहा। फिर भी भाषा प्रान्त की विभिन्नता के बावजूद भारत में एक संस्कृति व धर्म की एकजुटता थी। जो वेद पुराण, राम कृष्ण जैसेएक सूत्र से बंधे रहे। जिस तरह आज भी हम अपने परिवार पर हमला होने पर पडौसी से लडते हैं। परन्तु जब कोई बाहरी हमारे मुहल्ले में झगड़ा करे तो एक जुट हो उससे लडते हैं। ऐसा ही था अपना पुराना भारत। एक संस्कृति के धागे में गुंथी विभिन्न प्रकार के फूलों की माला।
गजेन्द्र सिंह पौरष says
अहमद शाहब आप की जानकारी अघुरी है कृप्या करके यहाँ सिकन्दर का गुणगान ना करें
PardeepSingh Purvanshi Thakur says
अहमद साहब आप राजा पूरू के बारे में ग़लत न कहे राजा पूरू के इतिहास पूरूंवशी ठाकूर का अपमान कर रहो।
ashwanimahar says
Raja parshutam hi panjab ke bahadur rajpoot the315 e
sikandar ko takar dene wale or burie tare harane wale
or sikandar ek insan tha kui jadu gar nahi
osne jadu wali shari gumai or you’d jit lia
jinku barat ka name nahi lens at a wo you’d keya jite ge I m Ashwani mahar rajpoot
PORAS MANIKPURI says
Raja poras ek mahan raja tha.itihas ka phir se punaralokan krna hoga o bhi bhartiy itihaskaro k dwara tab sachchai samane aayegi.
गिरीश उनियाल says
आपसे पूर्णतया सहमत, मुस्लिम शाशक महान कैसे हो सकते हैं जिन्होंने इस देश का इतिहास सभ्यता संस्कृति व धर्म बदलने का कुकृत्य किया हो ओ तो महान के स्थान पर बदनाम हैं । इतिहास तो हमेशा ही चाटुकारों एवं चमचों के द्वारा ही लिखा गया है ।
गिरीश उनियाल
देहरादून, उत्तराखंड
Rp says
भाई सिकंदर मुसलमान नहीं था अपितु यवन था और यवनों के देवता जियस थे। हाँ वह बहुत आततायी था।
Manoj singh yadav says
Saty hi kaha hai bhai uniyal g kya ho gya hai Es paban bhoomi aaj k beero ko Jo Saty use thukra kar ulta sambodit kar Te hai kuchh seekho bhai jinhone apni Jane gabae hai our tum ho ki unke Sat khilbad kar rahe ho Es paban mitty ki ejjat Karo yaaro Jay hind Jay bharat
जितेंद्र अहलावत जींद says
सिकन्दर व पोरस का युद्ध भारतीय इतिहास में अपना अहम स्थान रखता हैं, केवल समय के साथ कि जीत किस राजा की हुई।इतिहास किसी की बपौती नहीं। जब चाहा कलम को घुमा दिया। चापलूसी पहले भी थी अब भी हैं और रहेगी।
महेश भनोट says
जिसकी लाठी उसकी भैंस।
जिसके हाथ में कमान रही है, उसी के हिसाब से एतिहास भी लिखा गया है।
1947 के बाद कांग्रेस ने सत्ता सम्भाल ली और वामपंथी कम्युनिस्टों ने शिक्षा व कला क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। कांग्रेस ने अंग्रेज़ो की नीतियां ही अपना ली। आज तक जो एतिहास भारत में पढ़ाया गया है उसे पढ़कर तो देशभक्ति या देशप्रेम लुप्त सा हो गया है। हमारी संस्कृति को भी मिथ्या बनाने का भरसक प्रयास हो रहे हैं। हर भारतीय को सजग रहना चाहिए।
कपिल says
मेरा सभी इतिहासकारों से सिर्फ एक ही सवाल है ,
की ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसने किसी देश की संस्कृति को नष्ट या नष्ट करने का प्रयास किया है वो उस देश के लिए महान कैसे हो सकता है?
जैसे कि पढ़ा जाता है अकबर महान, सिकंदर महान इत्यादि।
सिकंदर भारत के एक छोटे राज्य के राजा से हार गया तो वो हमारे लिए महान कैसे?
अकबर ने हिन्दू संस्कृति को तहस नहस कर दिया तो वो हमारे लिए महान क्यूँ?
Yash Varman says
आप अकबर की तुलना सिकंदर से नहीं कर सकते सिकंदर के नाम के साथ अकबर का नाम लेना भी सिकंदर का अपमान होगा
Ratan Thakare says
Brabr. Hai sir apka JB dusrone.apne Sanskriti Ko tahas Kiya to uska nam hmm ejjat ke saath kyu le….vo hamare liye apradhi haina..
भूपेंद्र सिंह राठौड़ says
साहिल जी आपका कार्य उत्तम है मैं भी इतिहास का स्टूडेंट हूं मैंने विदेशियों की थयरी भी पड़ी है उन्होंने भी मानना है कि सिकंदर ने युद्ध नहीं जीता था मेरा खुद का शोध के आधार पर ही मानना है युद्ध भले ही पोरस ने नहीं जीता हो लेकिन युद्ध सिकंदर भी नहीं जीत पाया था
Jadeja sahdevsinh says
Right bro..
Rajesh Kumar says
You are right
Rohit says
bilkul sahi, sikander pours yud ka parniam 0 tha, dono me se koi bi yud nahi jeeta, par ye satya hai, chandergupt ne chapamar niti se sikander ko vapis jane ke liye mazboor kiya…
Jarvis says
Aur bhai kon keheta hai voh swathi tha yane kuch bhi kaha se mili information porus ki book padho wiki pedia meh to wrong bhi reh skta
Voh ek saccha desh bhakt aur sahasi raja tha
Jarvis says
Yane kuch bhi bataoege kya
porus ne sandhi isiliye mani thi kyuki voh shanyi chahata tha na ki voh dar gaya tha ki alexander ki badi sena aane vaki thi
Last me Alexander har jata hai par greek logo ne yeah likha hai ki porus kehrta hai ek raja dusre raja k sath jaisa vaevahr kare vaisa
par last meh alexander har jata hai
aur bhai kuch bhi mat batao
BANKA RAM says
Sir pourse ke natak me kul 12th january tak hi dikhaya gaya h aage ke program me kya hoga
Sahil kumar says
12 जनवरी तक नही 12 फरवरी तक भी ये धारावाहिक लगातार दिखाया जा रहा है।
Adesh Shukla says
In this page the writer told that there were many fawning historians with the great Alexander and I think he is just like them. The Great Porous was a very brave and patriotic man he was the only man in the world who defeated the world’s conquer The Great Alexander. The one who won the world was set to go back empty handed by the Porous. The writer of this page used hyperbole type of speech to emphasize on the Alexander and not on the Porous.And for your kind information go and the new t.v. serial Porous to know more about him, the serial is telecasted on Sony channel.
Sahil kumar says
I have called Poras brave. But I raised the question that why did he support Sikandar against Hindu republics? This is on the records of history that Poros helped Sikandar. But you do not have any proof that can resist me. How did Sikandar reach the river Beas while the state of Poros was between Jehlum and Chanab? Could it be without the support of Poros?
satyavan chauhan says
Mere hisab se poras ek veer bhartiya yoddha tha aur wo hr raja mahan tha jisne apne bhart mata ki raksha ki chahe wo koi bhi raja ho sb ka ek hi darm tha bhartiya ye alg bat ki us samay bhi dogle aur des drohi the aur aaj bhi hai. Jai hind jai bhart
Babita Pandit says
Bilkul correct maharaj purushottam jaise deshbhakt to virley hi paida hote hai is dharti par
PURU NEERAJ DAHIYA says
MAHARAJA PORUS IS SAINIS OF PAURAVA KINGDOM WHICH IS GREAT WARRIORS OF HINDUISM PURU IS A VEDIC TRIBE OF SAINIS #JAI_JAI_JAI_SAINIKINGDOM
Hindu says
जय श्री राम
पोरस एक हिंदू था
सिकंदर को बुरी तरह हराया था
इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है
dheeraj says
Poras dharmik aur deshbhakt bhi that.
कमल आर्य says
ये लोग पोरस कोई राजपूत बता रहा है कोई जाट बता रहा है कोई सैनी बता रहा है। पहले क्षत्रिय हुआ करते थे कोई जाट राजपूत नही हुआ करते थे। इतिहास गोत्रो या कुल या वंश का रहा है किसी जाति का नही। जो गोत्र जिस जाती में शामिल हो गई वो उस जाती का इतिहास हो गया। पोरस यदुवंशी शूरसैन था तो सैनी हो गया। पुरु और कठ गोत्र जाटो में है तो वो जाट हो गया। मेने भी एक पुस्तक पढ़ी थी the sypoy book तो उसमें पोरस को फोर काबिले का जाट बताया जबकि उस समय कोई जातिया नही थी हालांकि जनजातीय समुदाय थे। कांगड़ा के राजपूतो की वंशावली में पुरु है तो वो राजपूत हो गया।
अतः उसे केवल हिन्दू कहे।
Dev Singh says
Porus great was a yaduvansh.
Choudhary Parul Tawtiya says
Porus JAT tha jati 500 BC. ka baad sa suru ho gaye tha aur yudh 326 BC. main Hua tha
Pratik gupta says
Hindu Hona kafi nahi, Hindu karma se Hona Chahiye
Jainendra Kumar says
जैसा नाम वैसा काम
रोचक
बहुत बहुत धन्यवाद
Luv Rajput says
porus mahan the ye information wrong hai
NAVAL says
nice information
giriraj says
olampiya ek waishya thi,
Ravi paurush says
पुरू ( पोरस ) थे जिन्हें ( पोच्च ) ओर पोर्च पौरुष भी कहते हैं ।
ये पुरूवंशी हैं ।
जो चंद्र वंश की शाखा है ।
सिकन्दर को पोरस ने जीवनदान दीया था क्यूँ कि सिकंदर ओर पोरस के बीच युृध हुआ था जब सिकन्दर लड़ते लड़ते हतोतसहित होकर पोरस के निशाने पर आ गया ओर पोरस चाहता तो उसको मार भी सकता था , लेकिन राजा पोरस ने उसको मारा नहि बल्कि जीवनदान दिया , शाम को जब लड़ाई बंद हुई तो सिकन्दर ने अपने विश्वास पात्रों को बुला कर पूछा कि ऐसा क्यूँ हुआ । ( राजा पोरस ने सिकन्दर को क्यूँ नहि मारा ओर छोड़ दिया । )
बाद में पता लगाने पर यह तथ्य उजागर हुआ कि युद्ध से पहले सिकन्दर कि पत्नी वीर राजा पोरस कि शक्ति ऐबम वीरता से डर गई थी , ओर
उसे यह अहसास हुआ कि अगर युद्ध हुआ तो उसके पति सिकन्दर को गम्भीर ख़तरा होगा अतः हिंदुस्तान की रीत रिबाज़ के मताविक अपने पति की सुरक्षा के लिए उसने राजा पोरस को राखी भिजवाई थी ।
राजा पोरस ने श्विकार कर सिकन्दरकी पत्नी को बहन मान कर ,
युद्ध में सिकन्दर को जीवन दान दिया ।
?
पुरू जी
पोरस जी
पोरव जी
पोर्च जी
पौरुष जी
कहते हैं इन्हें
धन्यवाद…………?
Stop singh says
Supab Mahabharata ke 5000 sal pahle pure wansi ki utpati hui jo chandravansi ki sakha hai…… Or wo sirf chandravansi Kshatriya hai…
अंकित says
भाई ये कथानक सही है तुम्हारा। मेरे स्कूल टीचर ने बहुत पहले यही कथानक बताया था।
Krishna says
Maharaja porus was a shoorsaini king.
bhumeshwer says
Superb sir
Mohd. Nawaz says
Poras was a great king. Ese hi usey “Puru mahaan” nahi kehte. Sikander ko sirf ek hi raja ne haraya tha aur wo tha Poras aur wo bhi Indian.
shaikh reshma says
Are chhodo ye sab sari kast apne apne valo ki uchi rakhte he hakikat kahi nazar nahi aati kisi bhi baat me na hi poras nahi sikandar, vo sab chale gaye or Sach unke sath chala gaya to aap log kyu mare ja rahe ho….
Aman singh says
Itihas hamari shhan hai hame ish par garv karna chahiye na ki mazak ……
Sanjeev kumar says
राजा पोरस क्षत्रिय राजपूत राजा था
Sahil kumar says
ये आप किस आधार पर कह सकते हैं? चाहो वो जिस जाति का भी था, क्या आपके लिए ये काफी नहीं कि वो हिंदु था?
Ashok kr sinha says
Rajpoot koi jati nahi
Rajpat se jure log rajpoot kahlaye
Isse pahle yaduvasi raghuvanshi kshatriy the
Veerendra kumar says
Kya porus aur raja Purushottam donor ek he raja hain bataayen. Aapke jawab ka intazaar karunga.from veerendra Kumar
Sahil kumar says
इसके बारे में पक्का नही कहा जा सकता जैसे कि पोस्ट में बताया गया है पुरू को ही पोरस माना गया है। इसके सिवाए एक पर्वतक नाम के राजे को भी पोरस माना गया है। ध्यान देने वाली बात ये है कि पोरस के पड़ोस में एक राज्य था जो उसके भतीजे का था, उसे युनानियों ने छोटा पोरस कहा है। वो भी पुरुषोत्म या पर्वतक या फिर पुरू हो सकता है।
Raghav says
No. Purushutam was the son of porus
Mukesh Singh says
sabhi bato ka ssar ye hai ki porus ek rajput raja tha or sikandar ka vijay abhiyan ko unhone hi roka tha.
Mrea aap logo se gujarish hai ki phaltu ki or kahani na sunaye kewal ek hi story bataye jo hamare aane wali genretion ko samjh me aaye.
Luv Rajput says
right brother ye sab wrong information hai
Dilipsingh says
If you have seen the documentary made by BBC On Footsteps of Sikander A lot of dout about end &fight with Porous.
vik says
इस जानकारी में एक तथ्य जो चाणक्य के बारे में जानकारी देता है, ऐसा हो सकता है कि चाणक्य ने चंद्रगुप्त के लिए पोरस की हत्या करवाई होगी लेकिन जिस समय पोरस की हत्या हुई होगी, उस समय चंद्रगुप्त शायद चाणक्य से नहीं मिले होंगे।
Sahil kumar says
ऐसा नही हो सकता। चाणक्य और चंद्रगुप्त बहुत पहले से साथ में थे।
Anil says
Poras was one of the best brave King he should have kill Sikandar jahil…
Pooja says
Nice information —Thanks sir
Naveen says
M ye janna chahata hu ki raja poras ki kya kast thi agar apko pata ho to jrur bataye dhanyawad
Sahil kumar says
उस समय के राजा महाराजा क्षत्रिय ही होते थे।
Prince says
wo sikh tha jatt sikh cast thi uski
Sahil kumar says
प्रिंस जी सिख धर्म की स्थापना पोरस के 1800 साल बाद हुई थी, तो फिर वो सिख कैसे हो सकता है। वो हिंदु क्षत्रिय था।
Monu says
Kya aap Hindu dharm ka itihas bata sakte ho? kya BC 350 se BC 250 ke beech kis hindu bhagwan ki pooja hoti thi.
Mera manna hai ki us samay log Adhyatmik hote the aur koi bhi Hindu (karmkand aur Murtipoojak) nahi tha, aur us samay koi jati vyavastha nahi thi, Chandragupt Maurya ne apne antim samay me Jain muni ban gaye the aur Ashoka Budh dhamm ke pracharak.
Sahil kumar says
जरूरी नही है कि आज के हिंदु धर्म के हिसाब से ही उस समय के हिंदु धर्म को देखा जाए। हिंदु धर्म का स्वरूप कई बार बदला है। आप की कुछ बातें सही है, लेकिन उस समय यज्ञ जरूर होते थे क्योंकि विदेशियों ने इसका उल्लेख किया है। बाकी देवता भी प्राकृतिक रूप से पूजेजाते थे।
अंकित says
भाई पहले केवल चार ही जाति हुआ करती थी, क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य और शूद्र। और दर्शन बहुत से थे जैसे जैन, बौद्ध, शैव, वैष्णव, चार्वाक, सांख्य, वैशेषिक आदि। अर्थात जो जिस दर्शन को, मत को मानता था उसका मत का हो जाता था। और हिन्दू की उत्पत्ति हिन्द से हुई है अर्थात हिन्द में रहता है तो हिन्दू हुआ।ये प्राचीन नही बल्कि अभी का शब्द है।
Inderjeet says
Very nice information thanks for your notes
vinayv7619042289 says
Raja porus aik chandravansi raja that
Mayur says
Agar hum mahan the to yeaj past hoga
Agar hum mahan banne ki kausish karege to yeah hamara vartman hoga
Agar hum mahan bane to yeah hamare bad aanewali pedgiuo ka bhavidhya hoga
To kya kiya jaye ? Batein ya feer kam ?
Purane vakht ki charchavya feer aane wsle samay ke sath chalne ki kadi mehnat !
6 pag bhi kam nahi karte agar mera desh sirf charcha karne me samay barbad karya hai nahiki naya sikhne me !!!!!!
Daksh vimal says
Nice very usfull for my knowledgement
Mahfooz Ahmad says
Sikandar ko is tarah bataya aapne ki wo har ladayi me jaise taise jeet gaye the…
Magar sach yah hai rajya sikandar ke name se bhi khauf khatey they. Iska saboot yah ki Sikandar ne jitne bhi rajya jeetey they unme se zyadatar bina ladayi hi jetey hain…
Aur aap ek line likh kar ye proof de rahe hain ki poras wo ladayi hara nahi tha.. history agar aap padhenge to hazar proof milnge aapko poras wo youdh hara hi nahi tha balki ek tarah se Sikandar ka gulam tha wo… Us ladayi me sikandar ne poras ke bete ko mara poras ki 12000 sena per kabza kiya usko apni sena me shamil kiya…
Aur poras ne ek sainik ki tarah hi aage jakar sikandar ke liye dusre rajyo per kabza kerne me help ki…
Sikandar ne poras ko isliye zinda chhoda tha kyunki sinkandar ko puri duniya pe raaz karna tha…
Usko apni sena badi karni thi… Poras ne apni zindagi ke badle apna rajya apni sena aur apne aapko sinkandar ko de saunp diya.. aur khud sikandar ke liye kaam karna shuru kar diya tha…
Sikandar sikandar tha…
Sikandar ne history Nahi likhwayi…
Sikandar ne history banayi hai…
Jitna aapne Wikipedia se liya utna to thik likha uske baad se 75% apne man se man gadhant kuchh bhi likh diya…
Aman says
Inka reply Karie pls ki ye sahi keh rahe h aap ….please ….ku ki confusion ho gayi h okay
Sahil kumar says
कोई समस्या नही है अमन जी। उन्होंने कहा कि मैने ऐसे बताया कि वो ऐसे वैसे जीत गया, तो गलत ही क्या कहा। आज तक हम इतिहास में यही पढ़ते आए थे कि सिकंदर बड़ी शान से जीत गया था। आखिर ये सब किनके द्वारा लिखा गया था? सिकंदर के चापलूस इतिहासाकारों द्वारा।
Ashish kushwaha says
भाई तुम्हें knowledg नहीं हे, असल में सिकंदर पहली लड़ायी porus से हारा था। पूरी दुनिया जीतते हुए जब सिकंदर ने भारत मे आया तो उसके पास बहुत कम सेना बची हुयी थी कुछ सैनिकों में असंतोष भी था। porus जीता था और सिकंदर और उसकी सेना बुरी तरह से घायल हुए थे। आप को पता है वो मतलब सिकंदर तो अपनी हार स्वीकार करता है। उसने जो इतिहास लिखवाया हे उसमें। लेकिन हमें अपनी जीत स्वीकार नहीं हे। ये हमारी badnasibi हे।
AMAN SINGH says
aap kyu sikander jahil ki itni tarif kar rahe ho…aapki religon ka he isliye.., ya apke religion me kisi gair religion ke logo ki tarif (Poras mahan) karna haram he…
aman says
Porus mahan ..he he kahan likha h aisa ki porus the great .. Alaxander the great hi suna b Maine jahan b suna b .. Alexa der defeated porus single handedly
mohit das says
Yaar tujhe kisne kaha porash haar Gaya tha tum to ese bol rahe ho jese sikandar ke senapati tum hi the or tumhi ne porash KO haraya tha ??? History hamne bhi padhi he unani likhte he sikandar ne porash KO haraya Bharat manta he ( porash ne hi sikandar KO haraya tha ) or Haan ek Hollywood movie bhi he…( AleXaNdeR ) ….use bhi dekh Lena… khud wo log bhi mantel he sikandar or uski sena ladai se piche hat Gayi thi.
indian says
abbbe chu*a …tujhe itna bhi nhi pta kya ki history kaun likhta tha….sbhi RAja apne pas History likhne wal e rkhte the aur apne hisab se hi likhwate the ….aur shikandar mahaan tha ye sb jante hai iska matlab ye nhi ki sbhi uske samne apne hathiyar daal dete the….
Jitendra Shukla says
Sikandar was great but porus was much better
vikky says
haa tumhe to pure itihaas ka gyan prapt hai. aap to jo likhenge shi hi likhenge.
aisa lag rha hai jaise aap bhi sikandar ke chatukaar itihaaskaar the.
Sourabh says
Kaha se galat pad liya bhai
Rajeev says
किसी भी तरह मँनगड़त बातें मत लिखो , सबको पता हैं की चाहे अरबी हो , फ़ारसी हो ,यूनानी हो ,फ़्रांसीसी हो , तुर्की हो ,पुर्तगाली हो ,मंगोलिया हो या अंग्रेज़ हो वो भारत पर पुरी तरह से क़ब्ज़ा करने का ख़्वाब ले कर आए थे , जिस सिकन्दर ने इतनी मेहनत अपना सपना पुरा करने मे की उसका आख़िरी युद्ध पोरस से ही हुआ था , इसके बाद उसके द्वारा भारत ही नही सारी दुनिया मे कोई युद्ध नही लड़ा, अब आप समझ सकते हैं की ऐसा क्या हुआ की उसने अपने भारत ही नही विश्व विजय का अभियान अधूरा छोड़ कर वापिस होना पड़ा और कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो जाती हैं मतलब कुछ तो ऐसा हुआ था की इसके बाद सारा इतिहास ही गड़बड़ा गया ,
Rajeev says
युद्ध में सिकंदर का जीतना और जीत के बाद पोरस के राज्य पर कब्ज़ा ना करने की बात पर विवाद है। चूँकि सिकंदर का जीवन चरित्र और आचरण दर्शाता है की वह एक शराबी, निर्दय, अत्याचारी और अत्यंत कुटिल लड़ाकू था। सत्ता हासिल करने के लिए उसने तो अपने ही पिता और भाई का कत्ल करवा दिया था। तो वह एक दुश्मन राजा के लिए इस तरह की दरियादिली कैसे दिखा सकता था। अगर उसको अपना राज्य चलाने के लिए देना था तो उन राजाओं को दे सकता था जिन्होंने उसके ख़िलाफ़ बोला ही नही और ग़ुलामी स्वीकार कर ली, जिसने उसके ख़िलाफ़ युद्ध किया उसको तो हरगिज़ नही देता क्यूँकि वो जानता था की जो आज लड़ सकता हैं वो कभी भी विद्रोह कर सकता हैं और शायद ही जीतने के बाद उसने किसी भी युद्ध करने वाले शासक को भी ज़िन्दा छोड़ा हो । पर ये भी लगता हैं की सिकन्दर युद्ध हारा भी नही होगा क्यूँकि कुछ इतिहासकार बताते हैं की, सिकन्दर ने हिम्मत नही हारी और बह आगे बडना चाहता था और मगध पर आक्रमण करना चाहता था पर उसकी सेना ने आगे बड़ने से मना कर दिया था और उसने बापस लौटने का मन बना लिया। और ये भी सत्य हैं की , सिकंदर के साथ ऐसे चापलूस इतिहासकार चलते थे जो, सच्चे तथ्यों पर लीपापोती कर के सिकंदर को ऊंचा और महान दर्शाते थे।
Gaurav Balyan says
Sahi kah bhai..sikander ki karya saili dekho to abhash hoga…uske bd hi bharam m misrit jaati bd gyi thi…mahabharat ke bd hmare yah ke raja dheere kmjor se pdte gye..jisse kya hua last m mugal or phir angrej ke puri tarah se adheen ho gyi thi janta.
jayant m verma says
sahi kaha bhai apne main aapse puri tarah se sahmat hu….
kuch toh hua hi hoga nahi toh sikander magadh bhi jeet leta ..or china bhi.
Akash jaat says
tuje jayda pta h
Maharaja surajmal ne puri suaro ki foz ki dhajiya di thi or muglo k kille ka darvaja(door) bhi phad laye the or vo ab bhi bharatpur me h
गौरव नाविक says
सिकंदर राजा पोरस से युद्ध हार गया था, सिकंदर की हार का सबसे बड़ा कारण था दस्यु सेना। दस्यु (मल्लाह) लोग भारत के मूलनिवासी लोग हैं, जिन्हें ऋग्वेद में दस्यु कहा गया है जो भारत की मूल जाती “निषाद” का ही एक नाम है। वह भी उस समय एक राज्य के राजा थे। जिसको दस्यु राज्य कहा जाता था, उसके राजा थे और वह वहां की भौगोलिक स्थिति से बहुत अच्छी तरीके से परिचित थे, जब सिकंदर ने झेलम नदी को पार किया तो सामने सबसे पहले उसका युद्ध दस्यु (मल्लाहों ) से हुआ। इन दस्यु लोगों ने सिकंदर को बहुत क्षति पहुंचाई उसी क्षण राजा पोरस ने भी सिकंदर पर आक्रमण कर दिया जिससे सिकंदर पूरी तरह दोनों तरफ से गिर चुका था और उसकी पराजय हुई और वह वापस अपने राज्य मेसोडोनिया जिसको हम यूनान के नाम से जानते हैं उसके लिए वापस लौट गया परंतु बरसात और भारत की भौगोलिक स्थिति के कारण उसका स्वास्थ्य खराब हो गया था और वह रास्ते में ही मृत्यु को प्राप्त हो गया।
गौरव नाविक says
यदि आप भारतीय इतिहास को पढ़ना चाहते हैं तो उनके मूल ग्रंथों का अध्ययन करें मूल ग्रंथों में वेद, उपनिषद, पुराण, आरण्यक, ब्राह्मण ग्रंथ, रामायण, महाभारत, जैसे ग्रंथों का अध्ययन कीजिए और बहुत से संस्कृत महाकाव्य हैं जिनमें आपको भारत के राजाओं का वर्णन मिलेगा ऋग्वेद में भी वर्णित है भारत का सबसे प्रथम नाम निषाद देश था! निषाद वंश के राजाओं के बारे में आपको पूर्णता जानकारी मिलेगी जिन्हें बाद में असुर द्रविड़ दस्यु किरात आदि आदि कई नामों से संबोधित किया गया है! महर्षि कश्यप, हिरण्य कश्यप, हिरण्याक्ष, बली प्रहलाद विरोचन बाणासुर होलीका निषादराज गुह बाली सुग्रीव हनुमान अंगद नल नील जामवंत निषादराज बसु निषादराज दिवोदास महाराज जरासंध महाराज हिरण्यधनु निषाद वीर एकलव्य महाराजा नल निषाद रानी सत्यवती महारानी दमयंती महारानी रसमणि महारानी सुलेखा देवी बिलासा केवटनी महर्षि पराशर महर्षि वेदव्यास महर्षि सुखदेव महर्षि रत्नाकर (उपाधि वाल्मीकि) महर्षि च्यवन महर्षि विभंडक आदि आदि महान राजाओं महर्षियों एवं नारियों इस भारतीय मूल वंश को सुशोभित किया। इसी भारतीय मूल वंश ने अखंड भारत का सपना लेकर जीते हैं सिकंदर को परास्त करने में राजा पोरस की सहायता की।
गुलशन शर्मा कैथल हरियाणा says
बहुत अच्छी कोशिस धसनवाद
manoj says
Very knowledgeful artical
kailash maulekhi says
V nice
संदीप जोशी says
सर अभी पोरस का सीरियल प्रारं6होने वाला है देखते है उसमें कितना सच बताते है
Sahil kumar says
उसमें ऐसा कुछ नही बताने वाले। सीरीयल असल पोरस की जिंदगी से बिलकुल अलग होगा….
S Ranjan says
Apne Olympia ke bare me kuch bhi nahi bataya…
Himanshu says
Nice very useful keep doing…
ankit says
Mr sahil poras aaj se kitne saal phle peda hua tha
Sahil kumar says
2300 साल अंकित जी।
monu says
very good thats truth
Dev pratap singh says
i was science student but it seems that our history is very interesting. thanks for your kind information. good job keep it up
atun says
porus ki haar hui thi uski 20000 ki sena ke 12000 mare gye the baki bandi bna liye gye the
Sahil kumar says
Khan Nazmi ji pahle to apna name sahi likhe kyuki jo email id aap ne bhari hai usse mujhe aap ka name pata chal gya. Dursa aap ke pass kaun sa source hai is baat ko proof karne ke liye.
Lalatendu Keshari Das says
porous ek mahan raja tha . wo sikandar se yudh mai jeet chuka tha aur uss ne sikandar ko bandi bana liya tha . ye sab itihaas karo ne hamari bharatia itihaas ko galat keh te hai .
vaibhav says
good job sahil bhai
Dushyant Karkare says
तक्षशिला का नष्ट किया जाना ये किस समय की बात है, आचार्य का तक्षशिला पार कूच हरकत न करना संदिग्ध सी बत है।
चाणक्य भी खुद्द युनानी षडयंत्र का हिससा थें।
Sahil kumar says
तक्षशिला गुप्त काल के अंत में हुणों द्वारा बर्बाद किया गया था। आचार्य चाणक्य के समय से यह 700 साल बाद की बात है।
lokendra singh says
सर मेरे हिसाब से आप क ई जानकारियाँ विकिपिडिया से लेते हे इसका सबुत आपके इसी पेज से मिला हे —
(पोरस की मृत्यु कैसे हुई ?
मुद्राराक्षस से पता चलता है कि राजा पर्वतक की मृत्यु विषकन्या द्वारा हुई थी पर यह बात झूठ प्रतीत होती है। *विकीपीडिया* के अनुसार सिकंदर के एक सेनापति युदोमोस ने राजा पोरस को 321 से 315 ईसापूर्व के बीच कत्ल किया था, पर इस बात का भी कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
Sahil kumar says
लोकंद्र जी इस पेज़ पर आपको पोरस के बारे में 75 फीसदी जानकारी ऐसी भी मिलेगी, जो कि विकीपीडिया पर नहीं है।
naina says
apke history k marks to bhut ache honge
janki shah says
Apne desh ki history janna bahut ach6i or knowledge ki vat hai Jo ki sahil Kumar me muje dikhai Di
nannies i says
Very nice sir. Knowledgeable.
veer saini says
Nic
sanjeev saini says
Saini smaj she relation lagta h raja porus ka
Mohan Prasad shaw says
You are right. I know that
sandeep puruvansi says
Agrejo ke sasan kaal maibhi koi vansj nhi tha kya