ऑस्ट्रेलिया का इतिहास कुछ – कुछ अमेरिका के इतिहास की तरह ही है। जिस तरह से युरोपियन लोग अमेरिका जाकर वहां के मूलनिवासियों को खत्म करके वहां बस जाते हैं उसी तरह से यह ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसा ही करते हैं, वहां के सारे आदिवासियों को खत्म करके अपना हक जमा लेते हैं।
Table of Contents
40,000 ईसापूर्व – मनुष्य का ऑस्ट्रेलिया पहुँचना
माना जाता है लगभग 40 से 50 हज़ार साल पहले मानव इंडोनेशिया के द्वीपों से होता हुआ ऑस्ट्रेलिया पहुँचा। अंग्रेज़ों के आने तक ऑस्ट्रेलिया के मूलनिवासी शिकार और जमीन से अपना भोजन प्राप्त करते थे।
ऑस्ट्रेलीयाई मूलनिवासी स्थाई घरों में नही रहते थे, इसके बजाय वो घास-फूस की झोपड़िया बनाकर रहते थे। पूरे महाद्वीप पर घोड़ों, गायों और भेड़ों की एक भी प्रजाति नहीं थी जिसे वो पालतु जानवर बना सकते। वो लोग ना तो किसी धातु का प्रयोग करना जानते थे, ना ही तीर-कमान का और ना ही उन्हें कपड़े बनाना आता था इसलिए वो नंगे ही रहते थे।
ऊपर दी तस्वीर सन 1900 में ली गई है जिसमें ऑस्ट्रलिया के मूलनिवासियों को देखा जा सकता है। अंग्रज़ों के आने तक इनकी आबादी 4-5 लाख के करीब थी पर अंग्रज़ों ने इन पर इतने अत्याचार किए कि लगभग 95 प्रतीशत मूलनिवासी खत्म हो गए।
1770 ईसवी – ब्रिटेन का ऑस्ट्रेलिया पर दावा
1700 ईसवी के बाद इंग्लैंड ने उपनिवेश बनाने के लिए नए – नए द्वीप खोज़ने शुरू कर दिए थे और उन्हें पक्का यकीन था कि दक्षिण में ऐसे बहुत सारे द्वीप है जिन्हें खोज़ा जाना अभी बाकी है।
दक्षिण में खोज़ी यात्रा के लिए कैपटन जेम्स कुक (James Cook) को भेजा जाता है और 1770 ईसवी में वो ऑस्ट्रेलिया पहुँच कर उस पर इंग्लैंड का दावा कर देते हैं।
उस समय के इंग्लैंड में लोगों की हालत बहुत बुरी थी और कानून बहुत सख्त था। एक रोटी का टुकड़ा चुराने पर भी मौत की सज़ा दी सकती थी। इंग्लैंड की जेलें पूरी तरह से भर चुकी थी और उन्हें कैदियों को रखने के लिए एक नई जगह की जरूरत थी जो ऑस्ट्रेलिया ही हो सकती थी क्योंकि 1776 ईसवी में अमेरिका ब्रिटेन के चंगूल से निकल चुका था यहां वो अपने कैदियों के भेजा करते थे।
ध्यान देने वाली बात है कि जेम्स कुक से पहले भी कई युरोपियन ऑस्ट्रेलिया का पता लगा चुके थे, पर किसी ने उसे उपनिवेश बनाने की जरूरत नहीं समझी क्योंकि ऑस्ट्रेलिया एक बहुत की सूखा प्रदेश था जहां पर वो रह नहीं सकते थे।
1788 ईसवी – नई बस्तिया बसाने की शुरूआत
1788 ईसवी में इंग्लैंड से 11 जहाज़ों को ऑस्ट्रेलिया भेजा गया जिनमें लगभग 800 कैदी सवार थे। क्योंकि यह कैदी अंग्रेज़ ही थे इसलिए इन्हें कोई ज्यादा कड़ाई के साथ नहीं रखा जाता था बल्कि इन्हें उतना काम करने को ही कहा जाता था जिसमें यह अपना रहन – सहन कर सकें।
धीरे – धीरे अंग्रेज़ों ने कैदियों के जरिए ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को खत्म करना शुरू कर दिया और पूरे महाद्वीप में अपनी कलोनियां बसा लीं। 1863 ईसवी तक ऑस्ट्रेलिया 6 कलोनियों में बंट चुका था जिसमें तस्मानिया द्वीप भी एक अलग कालोनी थी।
अंग्रेजों ने अपनी सभी कलोनियों का अलग – अलग कानून बना लिया जो ब्रिटिश झंडे के नीचे रहकर ही अपना शासन चलाते थे। 1856 ईसवी में इन सभी कलोनियों में चुनाव हुए और संसार में पहली बार गुप्त मतदान के जरिए वोटिंग हुई।
1877 ईसवी में ऑस्ट्रेलिया की सभी कलोनियों की एक संगठित क्रिकेट टीम और इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के बीच पहला टेस्ट मैच हुआ जिसमें ऑस्ट्रेलिया 45 रन से जीत गया।
1901 ईसवी – ऑस्ट्रेलिया की सभी कलोनियां एक झंडे के नीचे आई
1 जनवरी 1901 को ऑस्ट्रेलिया की सभी कलोनियों को एक करके Commonwealth of Australia का गठन कर दिया गया यानि के ऑस्ट्रेलिया एक अलग देश बन गया, हालांकि इस पर ब्रिटिश नियंत्रण अभी भी था।
इस समय ही ऑस्ट्रेलिया में गैर-गौरे लोगों के प्रवेश पर बैन लगा दिया गया था।
1913 ईसवी में कैनबरा (Canberra) को देश की राजधानी बनाया गया।
1914 ईसवी में पहले विश्वयुद्ध में ऑस्ट्रेलिया ने अपने हज़ारों सैनिकों को इंग्लैंड की तरफ से युद्ध में भेजा।
1941 ईसवी में दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ऑस्ट्रेलिया ने जापान के खिलाफ अमेरिका का साथ दिया।
1948 में ऑस्ट्रेलिया ने अपने यहां युरोप के लोगों को बुलाने के लिए नई योजना शुरू की और अगले 30 सालों में 20 लाख से ज्यादा लोग ऑस्ट्रेलिया में आ बसे, जिनमें से लगभग एक – तिहाई इंग्लैंड से आए थे और बाकी के इटली, ग्रीक और जर्मनी जैसे युरोपिय देशों से।
1967 में ऑस्ट्रेलिया के मूलनिवासी जो कि बहुत ही कम बचे थे, उन्हें बराबर अधिकार देने के लिए कानून में कुछ संशोधन किए गए।
1975 में गैर – गौरे लोगों के प्रवेश पर से रोक हटा ली गई।
1986 ईसवी – ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से ब्रिटिश के नियंत्रण से मुक्त हुआ
1986 ईसवी में ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने Australia Act नाम का कानून पास किया जिससे ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से ब्रिटिश नियंत्रण से बाहर हो गया।
साल 2000 में सिडनी शहर में ओलंपिक खेलों का आयोजन हुआ।
अक्तूबर 2002 में इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर एक night club में बंब धमाका हुआ जिसमें 88 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों समेत 202 लोग मारे गए। यह बंब ब्लास्ट इस्लामिक आतंकवादियों ने किया था।
RAJKUMAR says
SIR MUJHE AUSTRALIA MEI JOB KARNI HAI. USKE LIYE KYA KARNA HOGA .
K. C.Sharma says
भारत से ऑस्ट्रेलिया नौकरी करने वालों को क्या कठिनाई हो सकती हैं ?
Sahil kumar says
अगर वीज़ा वगैरह पूरी तरह से कानूनी है, तो किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। इसके सिवाए हम भविष्य में प्रवास के बारे में जानकारी जरूर डालेंगे।
गंगा प्रसाद तिवारी says
सर हमें भारत का मध्य कालीन के विषय पर जानना है
विशेष 712 से 1426तक।
rana says
सर मुझे अरब देशो का इसलाम से पहले का इतिहास जानना है
Sahil kumar says
हम कोशिश करेंगे डालने की।
anil binjhekar says
jankari bahut achhi thi .mujhe America ka history janna hai.British ke aane ke pahle unka god kaun tha
Sahil kumar says
अनिल जी अमेरिका का इतिहास यहां पढ़ें।
Vikram banswal says
Sir mujh jaana h ki ye sub duniya ki shruwaat Kaise hui or alg alg face ke log Kaise bane alg alg language bol ne wale Kaise Bane mujh shru se sub jaana h muj logo m se kon si duniya phle bani wo bhi jana h please mujh btao jub us wkt god the to hum sub ko saath m kyo nhi rhkha hum logo ke bare m kyo nhi btata ki tum jaise log yhaa se dur rhhty h tum logo ko mill Na chhaiye