क्षैतिज (Horizontal) दिशा में चलने वाली हवा को पवन (Wind) कहा जाता है।
पवनें दो प्रकार की होती है – निश्चित और अनिश्चित पवनें।
इस पोस्ट में हम आपको निश्चित पवनों (Permanent Winds) के बारे में बताएंगे।
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निश्चित पवनें क्या होती है ? What Are Permanent Winds?
निश्चित पवनें वह पवनें है जो पूरे साल अधिक वायुदाब वाले क्षेत्रों से कम वायुदाब वाले क्षेत्रों की और चलती रहती हैं।
पृथ्वी पर तीन तरह की निश्चित पवनें पाई जाती हैं –
- Trade Winds (व्यापारिक पवनें) / Easterly (पूर्वी पवनें)
- Westerlies (पश्चिमी पवनें)
- Polar Winds (ध्रुवीय पवनें)
Trade Winds – व्यापारिक पवनें
व्यापारिक पवनों का भुगौलिक नाम पूर्वी पवनें (Easterly) है। पूर्वी पवनों का नाम व्यावारिक पवनें पड़ने के पीछ दो कारण माने जाते है-
- पहला कारण तो यह माना जाता है कि पूर्वी पवनें पूरा साल निश्चित और लगातार होने के कारण पुरातन समय के व्यापारी इन पवनों की सहायता से अपने समुंद्री बेड़े आगे बढ़ाते थे। कोलंबस ने भी अपने बेड़े इनकी सहायता से आगे बढ़ाए थे।
- दूसरा कारण यह माना जाता है कि ‘Trade’ शब्द की उत्पत्ति German भाषा के शब्द ‘Track’ से हुई थी जिसका अर्थ निश्चित मार्ग (Difinte Path) होता है।
व्यापारिक पवनें उपोष्ण उच्च वायुदाब पेटी से भू-मध्य रेखिक निम्न वायुदाब वाली पेटी की ओर चलती हैं। [ Subtropical High Pressure Belt (30° – 35°) To Equterial Low Pressure Belt (0° – 5°)]
व्यापारिक पवनें दोनो गोलार्ध में 5° अक्षांश से 35° अक्षाशों तक चलती है।
व्यापारिक पवनें उत्तरी गोलार्ध में उत्तर- पूर्व और दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण – पूर्व दिशा की ओर चलती हैं।
व्यापारिक पवनें जैसे ही महासागरों को पार करके महाद्वीपों पर पहुँचती है तो यह महाद्वीपों के पूर्वी हिस्सों में घनघोर वर्षा करती हैं। महाद्वीपों के पश्चिमी हिस्से सुखे रह जाते है जिसका परिणाम यह है कि लगभग सभी बड़े मारूस्थल (Deserts) महाद्वीपों के पश्चिमी हिस्सों में हैं।
व्यापारिक पवनों की गति 15 से 25 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। यह गति शर्दियों में ज्यादा और गर्मियों में कम होती है।
भारतीय उपमहाद्वीप में चलने वाली मानसून पवनें व्यापारिक पवनें ही होती हैं।
Westerlies – पश्चिमी पवनें
पश्चिमी पवनें उपोष्ण उच्च वायुदाब पेटी से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब पेटी की ओर चलती हैं। [Subtropical High Pressure Belt (30° – 35°) – Sub Polar Low Pressure Belt (60° – 65°)]
पश्चिमी पवनें उत्तरी गोलार्ध में दक्षिण-पश्चिम से उत्तर – पूर्वी दिशा की ओर चलती हैं।
दक्षिणी गोलार्ध में यह पवनें उत्तर – पश्चिम से दक्षिण – पूर्व की ओर चलती हैं।
गर्मियों के मौसम में चलने वाली पश्चिमी पवनें शांत और शर्दियों में चलने वाली अशांत होती है।
दक्षिणी गोलार्ध में जलभाग ज्यादा होने के कारण पश्चिमी पवनें यहां पर बड़ी तेजी से चलती है।
दक्षिणी गोलार्ध में जब पश्चिमी पवनें 40° अक्षांश पर पहुँचती है तो उन्हें गरजते चालीस ( Roaring Forties), 50° अक्षांश पर क्रोधित पचास (Furious Fifties) और 60° दक्षिणी अक्षांश पर चीकते साठ (Shrieking sixties) कहते है।
Polar Winds – ध्रुवीय पवनें
ध्रुवीय पवनें ध्रुवीय उच्च वायुदाब की पेटी से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब की पेटी की और चलती है। [Polar High Pressure Belt (80° – 90°) to Sub Polar Low Pressure Belt (60° – 65°)]
ध्रुवीय पवनों की दिशा व्यापारिक पवनों वाली ही होती है। अर्थात यह भी उत्तरी गोलार्ध में उत्तर – पूर्व से दक्षिण – पश्चिम और दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिण – पूर्व की ओर चलती है।
ध्रुवीय पवनें ध्रवीय क्षेत्रों के गुजरती है जिसके कारण यह बहुत ठंडी होती है।
ध्रुवीय पवनें और पश्चिमी पवनें जब आपस में टकराती है तो मौसम में बदलाव आता है और काफी वर्षा होती है।
Alex Aman says
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Mohit Chaudhary says
Sahil Bhai, aap geography k sath-sath polity, science aur economics ki bhi jaankari upload kyu nahi karte………
Aur geography ki aur aadhik jaankari dijiye….
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Sahil kumar says
मोहित जी जरूर जानकारी देंगे।
bhawar parangi says
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