
शुक्र ग्रह सूर्य से दूरी अनुसार दूसरा और आकार में छठवां बड़ा ग्रह है। यह आकाश में सूर्य और चाँद के बाद सबसे ज्यादा चमकने वाली वस्तु है।
शुक्र ग्रह की रूपरेखा – Planet Venus Profile in Hindi
- सूर्य से दूरी – लगभग 10 करोड़ 82 लाख किलोमीटर
- ध्रुवीय व्यास – 12,104 किलोमीटर
- उपग्रह – कोई नहीं
- एक साल – धरती के 224.7 दिन के बराबर
- भू – मध्य रेखी घेरा – 38,025 किलोमीटर
- द्रव्यमान (वज़न) – 4,867,320,000,000,000 अरब किलोग्राम (486732 अरब अरब किलोग्राम)
शुक्र ग्रह के बारे में 12 रोचक जानकारियां – Venus Planet in Hindi
1. शुक्र ग्रह का एक दिन इसके एक साल से बड़ा होता है। जी हां, शुक्र सूर्य के सापेक्ष एक चक्कर पूरा करने के लिए पृथ्वी के लगभग 224.70 दिनो का समय लेता है जबकि अपने अक्ष(धुरी) के सापेक्ष एक चक्कर पूरा करने के लिए 243 दिन लगाता है।
2. शुक्र ग्रह को पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है क्योंकि दोनो के आकार में काफी समानता पाई जाती है। शुक्र ग्रह का व्यास पृथ्वी के व्यास का 95 प्रतीशत तथा वज़न में पृथ्वी का 80 फीसदी है। दोनो पर क्रेटर कम हैं और घनत्व तथा रासायनिक संरचना समान है।
3. शुक्र ग्रह पर सल्फुरिक ऐसिड़ के बादलों की कई किलोमीटर मोटी परतें है जो इसकी सतह को पूरी तरह से ढ़क लेती हैं। इस कारण से शुक्र ग्रह की सतह देखी नहीं जा सकती। इन बादलों के बीच में से 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चलती हैं।
4. शुक्र और पृथ्वी में पाई जाने वाली समानताओं और शुक्र के ऊपर बादलों के कारण पहले यह अनुमान लगाया गया था कि शायद बादलों के नीचे शुक्र ग्रह पृथ्वी के जैसा होगा और वहां पर जीवन होगा। पर बाद में भेजे गए उपग्रहों और यानों से यह जानकारी मिली कि दोनो ग्रह एक दूसरे से काफ़ी अलग हैं और शुक्र पर जीवन का होना तो नामुनकिन है।
5. शुक्र ग्रह का वायुमंडल मुख्य रूप से कार्बन डाय आक्साईड का बना हुआ है । इतनी ज्यादा कार्बन डाय आक्साईड बहुत ज्यादा ग्रीनहाउस प्रभाव पैदा करती है जिससे इसके सूर्य की तरफ वाले भाग का तापमान 462 डिग्री सेल्सीयस तक पहुँच जाता है। इतना ज्यादा तापमान इसको सूर्य मंडल का सबसे गर्म ग्रह बना देता है।
6. शुक्र ग्रह का वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी के वायुमंडलीय दबाव से 92 गुणा ज्यादा है। इतना ज्यादा दबाव पृथ्वी पर समंदर की सतह से एक किलोमीटर नीचे ही होता है।
7. रूस ने सन 1961 में वेनीरा 1 स्पेश मिसन शुक्र पर भेजने की कोशिश की, पर संम्पर्क टूट जाने के कारण यह मिशन असफल रहा। इसके बाद अमेरिका का मेरीनर 1 भी शुक्र की कक्षा में पहुँचने में असफल रहा, हांलाकि मेरीनर 2 सफल रहा जिसने शुक्र से जुड़े कई आंकड़े भेजे। इसके बाद सोवियत संघ का वेनेरा 3 शुक्र की सतह पर पहुँचने वाला पहला मानव-निर्मित यान बन गया। अब तक 20 से ज्यादा यान शुक्र की यात्रा कर चुके हैं।
8. 2006 में युरोपियन स्पेस एजेंसी द्वारा भेजे गए Venus Express space shuttle ने शुक्र पर 1000 से ज्यादा ज्वालामुखीयों की खोज की। आंकड़ों के मुताबिक शुक्र पर अभी भी ज्वालामुखी सक्रिय हैं पर कुछ ही क्षेत्रों में, ज्यादातर हिस्सा लाखों सालों से शांत है। कुछ ओर यानों से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि शुक्र की सतह का ज्यादातर हिस्सा लावे के पदार्थों से ढ़का है।
9. भारतीय अंतरित्र स्पेस एजेंसी ISRO जल्द ही शुक्र ग्रह स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहा है। यह मिशन शुक्र के वातावरण को स्टडी करने के लिए लॉन्च किया जाएगा। फिलहाल इस मिशन के लिए स्पेसक्राफ्ट कब तैयार होगा, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
10. शुक्र पर छोटे-छोटे गड्ढ़े नही हैं। इसका कारण यह हो सकता है कि उल्काएँ शुक्र के वायुमंडल में सतह से टकराने से पहले ही जल जाती हों। पर शुक्र पर कई जगह गड़ढ़े एक साथ पाए गए हैं जिससे लगता है कि कोई बड़ी उल्का सतह से टकराने से पहले छोटे टुकड़ो में बंट जाती है।
11. पहले ग्रीक और रोमन लोग शुक्र को एक नहीं ब्लकि दो ग्रह मानते थे। ग्रीक लोग सुबह दिखने वाले तारे को Phasphorus और रात को दिखने वाले को Hosporus कहते थे। रोमन लोग क्रमवार Lucifer और Vesper कहते थे। लेकिन बाद में इन के खगोलविदों ने पाया कि यह दो नहीं ब्लकि एक ग्रह ही है। इसके बाद यह लोग शुक्र को रात के आकाश में सबसे ज्यादा चमक के कारण इसे सुंदरता और प्यार की देवी कहने लगे।
12. शुक्र ग्रह सूर्य निकलने से पहले आकाश के किस भाग में दिखाई देता है? शुक्र ग्रह पृथ्वी के मुकाबले ज्यादा रफ्तार से सूर्य की परिक्रमा करता है। इसलिए इसे सुबह सूर्य निकले से पहले पूर्व की ओर देखा जा सकता है। इसी तरह से शुक्र ग्रह को शाम को पश्चिम दिशा के आसमान में चमकते हुए देखा जा सकता है।
Dinesh Arya says
Shukra grah ki Khoj kisne ki thi ?????
Sahil kumar says
आसानी से दिखने के कारण यह ग्रह प्राचीन सभ्यताओं द्वारा पहले से ज्ञात है।
Paras P Doshi says
On 01/05/2020 I see Venus on west side after sunset. So which months it see on East side morning, and in which months it see West side after sunset? There are some days when we can’t see venus from earth??
Please reply in detail
Shri Kant Shukla says
जी हां शाम को पश्चिम दिशा में चमकता ग्रह शुक्र है जो तारों की अपेक्षा अलग से नारंगी नजर आता है।
Harshal says
शुक्र गह क्लाकवाईज ही क्यो फिरताहै? बाकि गह अँटी क्लाकवाईज फिरते है
Sahil kumar says
क्योंकि शुरू से यह ऐसा ही है हर्षल जी।
Anu says
Is venus planet effected human life in earth…How???
Sahil kumar says
अनु जी शुक्र ग्रह किसी भी तरह से पृथ्वी पर रह रहे मानव जीवन को प्रभावित नहीं करता है।
Paras Rawat says
Maine shukr ko dekhne ki kosis ki lekin mujhe nahi dikha jabki mosam bhi saaf tha
Sahil kumar says
पारस जी सूरज निकलने से पहले जो सबसे ज्यादा तारा चमक रहा होगा, वही शुक्र ग्रह है। वो टिकटिमाता नहीं है और तारों के मुकाबले ज्यादा बड़ा भी दिखाई देता है।
MANU KUMAR TURI says
सर शुक्र ग्रह के कोई उपग्रह क्यों नही है?
Sahil kumar says
क्योंकि ये अपने से छोटे पिंड को अपने गुरूत्व में बांध नही पाया या फिर इसके पास कोई ऐसा पिंड आया ही नही। ये कुछ उसी तरह का प्रश्न है कि पृथ्वी के मंगल की तरह 2 उपग्रह क्यों नही?
Balaso sadlage(9890984433) says
सर हमारी पृथ्वी के पेट में जो लावा हे ओ एसे कोनसे पथर हे जो ओ पथर पिघलता नहीं हे
Sahil kumar says
वो विघला हुआ मैगमा है जो ज्यादातर पिघले लोहे का बना हुआ है।
Suman says
Vinus ulta kyu ghum rha hai? kya koi aur grah bhi ulta ghumta h?
Sahil kumar says
कोई और तो उल्टा नही घूमता है। वीनस क्यों उलटा घूमता है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं।
Gyan Sonawane says
Mene ek science ki book me padha Tha ki kai saal pehle shukra grah se ke bada estroide takraya tha jisne iske ghumne ki disha ko badal diya Tha…or iski dhuri par ghumne ki gati ko bhi kamkar diya Tha…
Sahil kumar says
We are posting about it in future.
javed khan says
uranus itna jhuka kyo h or kya dono pole sun ke samne ate h ya ni uranus ke or green planet konsa h sir please answer me
Sahil kumar says
शायद किसी टक्कर के कारण वो पूरी तरह से घूम गया है जा कोई और वजह हो सकती है।
Monu shukla says
यदि हम वहाँ पर रोबोट भेजे जो सोलर सिस्टम से चलते हो ?
Sahil kumar says
वैसे तो शुक्र पर रोबोट को उतारना बहुत मुश्किल है क्योंकि वो या तो बहुत गर्म है और जा बहुत ठंडा। लेकिन भविष्य में जरूर भेज़े जाएंगे इतना मुझे यकीन है।
Anonymous says
vinus ulta kyo ghum raha hai ?
Sahil kumar says
यह शुरू से ही है, इसलिए।
nishant gupta says
Sahil ji ap phle clear kr le ki erth jyada chmakdar h venus dono bate bol rhe h ap ek bolo
Sahil kumar says
निशांत जी अगर हम धरती पर खड़े होकर आकाश में देखेगें तो शुक्र सबसे चमकीला नज़र आएगा औऱ यदि अंतरिक्ष में दूर से सौरमंडल को देखेंगे तो पृथ्वी सबसे चमकदार नज़र आएगी।
SOOONU says
NO AANTRIKCHH SE DEKHNE PAR EARTH BLUE DIKHI DETI H.