1. शुक्र ग्रह का परिपथ 177 डिग्री तक झुक जाता है और Uranus 97 डिगरी तक झुक जाता है।
2. हर साल हमारे शरीर के लगभग 98% परमाणु बदल जाते हैं।
3. गरम पानी ठंडे पानी से ज्यादा भारी होता है।
4. सौर मंण्डल के सारे ग्रह बृहस्पति में समा सकते है।
5. “Scientist” शब्द पहली बार 1883 में प्रयोग किया गया था।
6. आकाश से गिरी हुई बिजली सूर्य से 5 गुना ज्यादा गर्म होती है।
7. जब अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष से वापिस आते है तब उन की लम्बाई 2 इंच बढ़ जाती है। इसका कारण यह है कि हमारी रीढ़ की हड्डी से जुड़ी लचीली हड्डीयां गुरूत्व बल की गैरहाजरी में फैलने लगती हैं।
8. एक व्यक्ति बिना खाने के एक महीना रह सकता है पर बिना पानी के 7 दिन। अगर शरीर में पानी की मात्रा 1% से कम हो जाए तो आप प्यास महसूस करने लगते है। अगर यह मात्रा 10% से कम हो जाए तो आप की मौत हो जाएगी।
9. ध्वनि हवा से ज्यादा स्टील में लगभग 15 गुना अधिक गति करेगी।
10. जब एक जैट प्लेन की गति 1000 किलोमीटर प्रति-घंटा होती है तब उसकी लंम्बाई एक परमाणु घट जाती है।
11. जब हाइड्रोजन हवा में जलती है तो इस क्रिया के फलस्वरूप पानी बनता है।
12. प्रकाश को आकाशगंगा के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए 100,000 साल का समय लगता है।
13. एक मध्यम आकार के बादल का वजन 80 हाथियो के बराबर होता है।
14. Plutonium मनुष्य द्वारा बनाया गया सबसे पहला तत्व है।
15. अभी तक 1 उल्का पिंड द्वारा सिर्फ एक ही बनावटी उपग्रहि नष्ट किया गया है। यह उपग्रह European Space Agency का Olympics(1993) था।
16. अगर आप अंतरिक्ष में जाते है तो आप गला घुटने की बजाय शरीर के फटने से पहले मर जाएगें क्योंकि वहाँ पर हवा का दबाव नही है।
17. रेडियोऐकटिव तत्व Americium-241 कई धूम्र पदार्थो में इस्तेमाल किया जाता है।
18. एक खगोल शास्त्री फ्रैंक ड्रेक ने अंतरिक्ष संम्ंबन्धी कई तत्थों को ध्यान में रखते हुए कई समीकरणों द्वारा दर्शाया कि हमारी आकाश गंगा(मंदाकिनी) में धरती के सिवाए 1000-10000 ग्रह ऐसे ओर हो सकते है जिन पे जीवन संभव हो सकता है। इतना ही नही 1974 में महान गणितज्ञ कार्ल सागन के अनुसार हमारी आकाशगंगा में ही 10 लाख सभ्ताये होनी चाहिए।
19. एक नज़रिये से तापमान मापने के लिए Celsius पैमाना Fahrenheit पैमाने से ज्यादा अकलमंदी से बनाया गया। पर इसके निर्माता Andero Celsius एक अख्खड़ स्वभाव के वैज्ञानिक थे। जब उन्होंने पहली बार इस पैमाने को विकसित किया, उन्होंने गलती से जमा दर्जा 100 और ऊबाल दर्जा 0 डिग्री बनाया। पर कोई भी उन्हें इस गलती को कहने का हौसला न कर सका, सो बाद के वैज्ञानिकों ने पैमाना को ठीक करने के लिए उनकी मृत्यु का इंतजार किया।
20. धरती एकलौता ऐसा ग्रह है जिसका नाम किसी देवता के ऊपर नही रखा गया और ना ही पुल्लिंग रखा गया है।
21. Albert Einestein के अनुसार हम रात को आकाश में लाखों तारे देखते है उस जगह नही होते बल्कि कही और होते है। हमें तो उनके द्वारा छोड़ा गया कई लाख प्रकाश साल पहले का प्रकाश होता है।
22. जब चाँद बिलकुल आपके सिर पर होता है तो आपका वजन थोड़ा कम हो जाता है।
23. आपको ये जानकर हैरानी होगी, कि आप बर्फ के टुकड़े से आग शुरू कर सकते है।
24. -40 डिगरी पर Fahrenheit पैमाना और Celsius पैमाना बराबर होते हैं।
25. शुक्र ग्रह बाकी ग्रहों की तरह अपनी धुरी के गिर्द झुका नही हुआ है और इसलिए इस पर ऋतुएँ भी नही और यह बाकी ग्रहों से उल्टी दिशा पर सूरज की परिक्रमा करता है।
26. तत्वो की आर्वती सारणी (Periodic Table) में ‘j‘ अक्षर कही भी नहीं आता।
27. पेरिस के वैज्ञानिकों ने एक खोज में पता लगाया है कि अंतरिक्ष से पृथ्वी पर हर साल 5,000 टन धूल गिरती है। 20 साल तक चली इस खोज में पता लगाया कि ये धूल कण वायुमंडल से होकर गुजरते धूमकेतुओं के हिस्से होते हैं।
Mohan Sharma says
1.Sar school uniform ek jese hi kyo hote hai alg alg kyo nhi please reply
2.sar jo road ke kinare पेड़ो pe number kyo likhe Rehte hai please reply
Sahil kumar says
1. ताकि सभी बच्चों में समानता दिखाई दे सके।
2. कई बार पेड़ों की गणना या उनकी देखभाल के लिए ऐसा किया जाता है।
Santosh says
अच्छी जानकारी है. धन्यवाद
gurmeet singh says
Jo dahar hai wahi hamarey Ander hai I am right
Aarti singh says
kya hydrogen aur oxygen ko seprate krna possible h.
Khemraj Chandrakar says
आपके लेख को कैसे साझा करें WhatsApp Instagram इत्यादि पे।
Sahil kumar says
नमस्ते खेमराज जी,
लेख share करने के लिए।
1. पहले ऊपर adressbar से link copy करें।
2. फिर उसे Whats App आदि में paste करें।
धन्यवाद।
सलमान शैख says
क्या alien होते है या नही
Sahil kumar says
होंगे, जरूर होंगे। लेकिन अभी तक हमारा उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।
sahil says
विश्व का सबसे महँगा पदार्थ क्या है
Sahil kumar says
Antimatter — $62.5 trillion per gram.
Rajkumar says
Ma Zoology ki puri jankari chatha Hu. .kiya aap muja zoology ki puri jankari dana chahoga pkiz
Pruthviraj says
moon ki gravity Hume upar ki taraf khinchti hai
jab wo hamare bilkul upar hota hai tab
isliye hamari jo earth ke center ki taraf gati hai
(jo earth ki gravity ke karan hai wo kam ho jaati
hai thodi si …ye gati gurutv praveg hai jo 1 second
me 9.8 m jitni hai)
isliye weight me thodi si kami aati hai
nikk says
Muje ye janana he ki abhi thode din pahle news par a raha tha ki ab insan ka sir kise dusre ke sarir par laga diya ja sakta he man lo ki 1 person ka body sar se niche kam nahi karti to uska sir or kisi ki body par lagayege to dusra Jo donar hr agar WO jinda ho g to WO apni body kyo dega or WO Mara hua he to Jaan kya hamare sir me hoti he Jo use donner ki body par sir lagate jinda ho gayega
Jawab jarur dena Bhai please ye saval dimag me khatak raha he
Sahil kumar says
निक जी मानवों का सिर प्रत्योर्पण अभी संभव नहीं हुआ है, आपने गलत खब़र पढ़ी है। यह प्रयोग अभी तक सिर्फ चुहों पर सफल रहें है।
Sahil kumar says
kyu nahi? blog banayayiye aur ban jayiye blogger.
Dhaval says
Agar earth sun ki parikrama Kar rahi he to 365 din hame aasman ke sitare 1 hi side ke Kyu dikhte he?
Sahil kumar says
ऐसा बिलकुल गलत है। ब्रहमांड बहुत बड़ा है और तारो के सापेक्ष पृथ्वी अपनी दिशा अंडाकार पथ में बदलती है।
Dilip singh says
Kyuki jo taare aapko dikhte hain vo earth se itne door hain ki earth aur sun ki distance bhi koi mayne nahi rakhti
Matlab agar aap inhi taron ko mars ,venus ,jupieter ya kisi bhi solar system ke planet se dekhoge toh bhi woh stars aap ko wahin dikhenge
Thanks
praveen says
क्या आप नहीं मानते की तारों की पृथ्वी के सापेक्ष अपनी कोई गति नहीं होती?
Sahil kumar says
सब तारों की अपनी-अपनी गति होती है। उनके लिए पृथ्वी और बाकी के पिंड बस एक छोटे से बिंदु होते है।
Ankit gond says
Why any object around another object in universe (think deeply )
Sahil kumar says
Simple, Gravity.
उदाहरण–
मान लीजिए चार लोग एक चद्दर को सभी कोनो से बिलकुल खींच कर पकड़े हुए है और चद्दर के बीच एक भारी गेंद रख दी जाए तो चद्दर वहां से थोड़ी दब जाएगी और अगर किसी छोटी गेंद जा वस्तु को चद्दर पर रखेगें तो वो गेंद की तरफ बढ़ेगी। बस इसी तरह से हमारा ब्रह्मांड कार्य करता है यानि कि भारी गेंदो (सूरज) की तरफ छोटी चीज़ें (ग्रह, उल्का आदि) चली जाती है।
बेनामी says
thnx